सब्सिडी से तात्पर्य (Definition of Subsidy):
सब्सिडी एक प्रकार की वित्तीय मदद है जो कि सरकार द्वारा किसानों, उद्योगों, उपभोक्ताओं (मुख्यतः गरीबों) को उपलब्ध करायी जाती है जिसके कारण वांछित लोगों के लिए जरूरी चीजों के दाम नीचे आ जाते हैं l
सब्सिडी के प्रकार (Types of Subsidy):
1. फ़ूड सब्सिडी (Food Subsidy): इस प्रकार की सब्सिडी में सरकार गरीबों के लिए सस्ते दामों पर खाद्यान्न (चावल, गेहूं, चीनी) इत्यादि सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के माध्यम से उपलब्ध कराती हैL
2. किसानों के लिए सब्सिडी (Farmer Subsidy): इस प्रकार की सब्सिडी में उर्वरक सब्सिडी, कैश सब्सिडी, ब्याज माफ़ी, वाहन और अन्य उपकरण खरीदने के लिए सब्सिडी आदि शामिल किये जाते हैं l
3. तेल/ईंधन सब्सिडी (Petroleum Subsidy): इस सब्सिडी में गरीबी रेखा के नीचे जीवन जीने वाले लोगों को सरकार सस्ते दामों पर मिट्टी का तेल उपलब्ध कराती हैl इसके अलावा रसोई गैस, डीजल और पेट्रोल के दामों में भी सब्सिडी सरकार द्वारा उपलब्ध करायी जाती है l
4. कर सब्सिडी (Tax Subsidy): यह सब्सिडी मुख्य रूप से बड़े-बड़े उद्योग घरानों को प्रदान की जाती है ताकि ये लोग अधिक लागत की हालत में उत्पादन करना बंद ना करें और देश में बेरोजगारी न फैलेl कई बार सरकार आयात और निर्यात पर लगने वाले कर में सब्सिडी भी उद्योग घरानों को उपलब्ध कराती है l
5. धार्मिक सब्सिडी (Religious Subsidy): यह सब्सिडी मुस्लिम समुदाय के लोगों को हज यात्रा करने के लिए और हिन्दुओं को अमरनाथ यात्रा करने के लिए सरकार द्वारा दी जाती है l अभी हाल ही में उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने हिन्दू लोगों को अमरनाथ यात्रा करने के लिए 1 लाख रुपये तक की आर्थिक सब्सिडी देने की घोषणा की है l
6. ब्याज सब्सिडी: इस सब्सिडी के अंतर्गत शिक्षा ऋण पर लगने वाले ब्याज का भुगतान सरकार करती है साथ ही किसानों और उद्योगपतियों का ब्याज भी सरकार द्वारा माफ़ किया जाता है l
सब्सिडी के उद्येश्य: सब्सिडी का मुख्य उद्येश्य लागत और मूल्य के बीच के अंतर को कम करना होता है जिसके माध्यम से जरुरतमंदों को लागत से भी कम दामों पर वस्तुएं उपलब्ध करायी जातीं हैं l इसके अन्य उद्येश्य इस प्रकार हैं:
1. देश में उच्च खपत / उत्पादन को प्रेरित करना
2. कमजोर वर्ग के लोगों के हितों की रक्षा करना
3. सामाजिक कल्याण को बढ़ावा देना
2017-18 के बजट में सब्सिडी:
वित्त वर्ष 2016-17 के लिए कुल सब्सिडी बिल 2,32,704.68 करोड़ रुपये था जो कि 2017-18 में 2,40,338.6 करोड़ रुपये होने का अनुमान हैl 2017 के बजट प्रस्तावों के मुताबिक, 2017-18 वित्त वर्ष के लिए सब्सिडी का मुख्य खर्च भोजन, पेट्रोलियम और उर्वरक पर होगा l
खाद्य सब्सिडी (Food Subsidy): सरकार ने अगले वित्त वर्ष में खाद्यान्न सब्सिडी के लिए 1, 45,338.60 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है, जो कि वर्तमान वित्त वर्ष के संशोधित अनुमान में 1,35,172.96 करोड़ रुपये है। खाद्य सब्सिडी बिल अगले वित्त वर्ष में अधिक होने की संभावना है क्योंकि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, जिसके तहत सरकार 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को ज्यादा सब्सिडी वाले खाद्यान्न प्रदान करती है, इसे पूरे देश में नवंबर 2016 से शुरू किया गया है।
उर्वरक सब्सिडी (Fertilizer Subsidy): 2017-18 वित्त वर्ष के लिए उर्वरक सब्सिडी को 70,000 करोड़ रुपये पर अपरिवर्तित रखा गया है जो कि 2015 में 72,437.58 करोड़ रुपये थी l
पेट्रोलियम सब्सिडी (Petroleum Subsidy): वित्त वर्ष 2017-18 में पेट्रोलियम सब्सिडी को पिछले वर्ष के 27,531.71 करोड़ रुपये से घटाकर इस वित्त वर्ष के लिए घटाकर 25,000 करोड़ रुपये कर दिया गया हैl इस 25,000 करोड़ रुपये में एलपीजी सब्सिडी के लिए 16,076.13 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं और बाकी केरोसिन के लिए हैl
जैसा कि ऊपर दिए गए आंकड़ों से स्पष्ट है कि वित्त वर्ष 2017-18 में सब्सिडी का कुल बजट 2,40,338.6 करोड़ रुपये पहुँच गया हैl उम्मीद की जाती है कि अगले वित्त वर्ष में यह आंकड़ा और भी ज्यादा हो जायेगा l कुछ अर्थशास्त्री सब्सिडी के इस बढ़ते बोझ को अर्थव्यवस्था के लिए अतिरिक्त बोझ मान रहे हैं जो कि ठीक नही है क्योंकि यह अतिरिक्त खर्च देश में सभी वर्गों के कल्याण पर खर्च हो रहा और इससे सबसे ज्यादा फायदा किसानों और समाज के गरीब लोगों को हो रहा है l
सब्सिडी एक प्रकार की वित्तीय मदद है जो कि सरकार द्वारा किसानों, उद्योगों, उपभोक्ताओं (मुख्यतः गरीबों) को उपलब्ध करायी जाती है जिसके कारण वांछित लोगों के लिए जरूरी चीजों के दाम नीचे आ जाते हैं l
1. फ़ूड सब्सिडी (Food Subsidy): इस प्रकार की सब्सिडी में सरकार गरीबों के लिए सस्ते दामों पर खाद्यान्न (चावल, गेहूं, चीनी) इत्यादि सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के माध्यम से उपलब्ध कराती हैL
2. किसानों के लिए सब्सिडी (Farmer Subsidy): इस प्रकार की सब्सिडी में उर्वरक सब्सिडी, कैश सब्सिडी, ब्याज माफ़ी, वाहन और अन्य उपकरण खरीदने के लिए सब्सिडी आदि शामिल किये जाते हैं l
3. तेल/ईंधन सब्सिडी (Petroleum Subsidy): इस सब्सिडी में गरीबी रेखा के नीचे जीवन जीने वाले लोगों को सरकार सस्ते दामों पर मिट्टी का तेल उपलब्ध कराती हैl इसके अलावा रसोई गैस, डीजल और पेट्रोल के दामों में भी सब्सिडी सरकार द्वारा उपलब्ध करायी जाती है l
4. कर सब्सिडी (Tax Subsidy): यह सब्सिडी मुख्य रूप से बड़े-बड़े उद्योग घरानों को प्रदान की जाती है ताकि ये लोग अधिक लागत की हालत में उत्पादन करना बंद ना करें और देश में बेरोजगारी न फैलेl कई बार सरकार आयात और निर्यात पर लगने वाले कर में सब्सिडी भी उद्योग घरानों को उपलब्ध कराती है l
5. धार्मिक सब्सिडी (Religious Subsidy): यह सब्सिडी मुस्लिम समुदाय के लोगों को हज यात्रा करने के लिए और हिन्दुओं को अमरनाथ यात्रा करने के लिए सरकार द्वारा दी जाती है l अभी हाल ही में उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने हिन्दू लोगों को अमरनाथ यात्रा करने के लिए 1 लाख रुपये तक की आर्थिक सब्सिडी देने की घोषणा की है l
सब्सिडी के उद्येश्य: सब्सिडी का मुख्य उद्येश्य लागत और मूल्य के बीच के अंतर को कम करना होता है जिसके माध्यम से जरुरतमंदों को लागत से भी कम दामों पर वस्तुएं उपलब्ध करायी जातीं हैं l इसके अन्य उद्येश्य इस प्रकार हैं:
1. देश में उच्च खपत / उत्पादन को प्रेरित करना
2. कमजोर वर्ग के लोगों के हितों की रक्षा करना
3. सामाजिक कल्याण को बढ़ावा देना
2017-18 के बजट में सब्सिडी:
वित्त वर्ष 2016-17 के लिए कुल सब्सिडी बिल 2,32,704.68 करोड़ रुपये था जो कि 2017-18 में 2,40,338.6 करोड़ रुपये होने का अनुमान हैl 2017 के बजट प्रस्तावों के मुताबिक, 2017-18 वित्त वर्ष के लिए सब्सिडी का मुख्य खर्च भोजन, पेट्रोलियम और उर्वरक पर होगा l
खाद्य सब्सिडी (Food Subsidy): सरकार ने अगले वित्त वर्ष में खाद्यान्न सब्सिडी के लिए 1, 45,338.60 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है, जो कि वर्तमान वित्त वर्ष के संशोधित अनुमान में 1,35,172.96 करोड़ रुपये है। खाद्य सब्सिडी बिल अगले वित्त वर्ष में अधिक होने की संभावना है क्योंकि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, जिसके तहत सरकार 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को ज्यादा सब्सिडी वाले खाद्यान्न प्रदान करती है, इसे पूरे देश में नवंबर 2016 से शुरू किया गया है।
पेट्रोलियम सब्सिडी (Petroleum Subsidy): वित्त वर्ष 2017-18 में पेट्रोलियम सब्सिडी को पिछले वर्ष के 27,531.71 करोड़ रुपये से घटाकर इस वित्त वर्ष के लिए घटाकर 25,000 करोड़ रुपये कर दिया गया हैl इस 25,000 करोड़ रुपये में एलपीजी सब्सिडी के लिए 16,076.13 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं और बाकी केरोसिन के लिए हैl
जैसा कि ऊपर दिए गए आंकड़ों से स्पष्ट है कि वित्त वर्ष 2017-18 में सब्सिडी का कुल बजट 2,40,338.6 करोड़ रुपये पहुँच गया हैl उम्मीद की जाती है कि अगले वित्त वर्ष में यह आंकड़ा और भी ज्यादा हो जायेगा l कुछ अर्थशास्त्री सब्सिडी के इस बढ़ते बोझ को अर्थव्यवस्था के लिए अतिरिक्त बोझ मान रहे हैं जो कि ठीक नही है क्योंकि यह अतिरिक्त खर्च देश में सभी वर्गों के कल्याण पर खर्च हो रहा और इससे सबसे ज्यादा फायदा किसानों और समाज के गरीब लोगों को हो रहा है l