इस लेख में हम GDP क्या है और इसे कैसे कैलकुलेट किया जाता है, यह जानेंगे. इस लेख के अगले भागों में हम NNP,NDP, GNP,GDP, NNPFC, NNPMP एक दूसरे से कैसे भिन्न हैं, इसके बारे में चर्चा करेंगे. GDP at constant price और GDP at current price, ये सब क्या है, इसकी भी चर्चा करेंगे.
GDP (full form: Gross Domestic Product) का मतलब (definition/meaning) ?
>>वे सभी चीजें जो देश के अन्दर …mind it…देश के अन्दर (domestic)….उत्पादित की जाती हैं, उनका आर्थिक मूल्य (money value)
>>domestic means within country.
>>सभी चीजों से मतलब गुड्स and सर्विसेज दोनों.
GNP (Gross National Product) का मतलब?
>> वे सभी चीजें जो देश के अन्दर उत्पादित की जाती हैं PLUS income जो बाहर से abroad से आई हों, उनका आर्थिक मूल्य (money value). जैसे कैलाश खेर विदेश में अमेरिका जाकर जो पैसा हमारे देश भारत में लाये = counted in GNP… दूसरी ओर, राहत फतेह अली खान भारत देश में गाकर कमाए हुए पैसे पकिस्तान भेजते हैं जिससे उनके परिवार का भरण-पोषण हो सके, इस कमाए हुए पैसे को हमें इंडिया के GNP में से घटाना होगा (जबकि पाकिस्तान उसे अपने जीएनपी में काउंट करेगा).
उसी तरह अमेरिका अपने देश का GNP count करते वक़्त कैलाश खेर द्वारा कॉन्सर्ट में कमाए हुए पैसे को total GNP से घटा देगा.
अब हम खुद से GNP का एक देसी फार्मूला बनाना चाहें तो क्या होना चाहिए?
Gross National production=देश के अन्दर जो सभी चीजें उत्पादित की जाती हैं उनका money value+ बाहर से आने वाली Incoming money– बाहर जाने वाली outgoing money.
या …
GNP = GDP + बाहर से आने वाली Incoming money– बाहर जाने वाली outgoing money.
GDP को किन विधियों द्वारा calculate किया जाता है?
GDP को तीन विधियों द्वारा calculate किया जाता है….
a) Expenditure method of counting GDP
इसके अंतर्गत हम उन सभी पैसों को जोड़ते हैं जो हमारे द्वारा खर्च किये जाते हैं.मगर इसको एक technical formula में कैसे form करें? खुद से पूछिए
#Consumption (C) उपभोग by आम जनता=
>>जैसे आप और आपके दोस्त बिग बाज़ार में लौलिपोप खरीद कर खा रहे हैं, उसका खर्च जोड़ा जायेगा.
>>मैं आपका सेकंड हैण्ड बाइक खरीद लेता हूँ. क्या यह consumption में गिना जायेगा? नहीं. क्योंकि यही बाइक दुबारा produce नहीं होने वाला….we need first price of a good.
जब आपने वह बाइक 10 साल पहले 30 हज़ार में ख़रीदा था तो हम लोगों ने उस साल के देश के GDP में इस amount को गिना था. इसीलिए इसके मूल्य को GDP count करते समय दुबारा नहीं गिना जायेगा.
अब मैं आपके बाइक को ऑटो डीलर (जिसने कमीशन में एक हजार रूपया पाया) से खरीदता हूँ तो क्या यह देश के GDP में count होगा? …हाँ होगा :p ….ऐसा इसलिए क्योंकि उसने अपना सर्विस मुझे बेचा. जब-जब वह कोई सेकंड हैण्ड प्रोडक्ट बेचेगा, यद्यपि अवश्य कोई नए प्रोडक्ट का सृजन नहीं होगा मगर हर बार नए सर्विस का वह सृजन जरुर करेगा.
मगर उस स्थिति में क्या होगा जब वह डीलर कमीशन में प्राप्त किये हुए एक हज़ार रुपये को अपने खर्चे के लिए खर्च करेगा? जैसे यदि उसे हज़ार रुपये इलेक्ट्रिसिटी बिल भरनी है तो क्या हम यह निष्कर्ष निकालें कि —
वह हज़ार रूपया एक जगह से दूसरी जगह गया इसीलिए हमारा GDP वही रहेगा = 1000 रु……?
नहीं…
GDP = वे सभी चीजें (goods+services) जो देश के अन्दर …mind it…देश के अन्दर (domestic)….उत्पादित की जाती हैं, उनका आर्थिक मूल्य (money value)
इसीलिए ब्रोकेज सर्विस 1000 रु. अलग से count होगा और इलेक्ट्रिसिटी बिल का 1000 रु. अलग से.
=> GDP= 1000 रु. ब्रोकेज+1000 रु. इलेक्ट्रिसिटी बिल= 2000 रु.
इलेक्ट्रिसिटी बिल कंपनी अपने प्यून को 1000 रु. वेतन देगी. तो वेतन भी अलग से GDP में count होगा.
Now,
GDP= 1000 रु. ब्रोकेज+1000 रु. इलेक्ट्रिसिटी बिल + 1000 रु. = 3000 रु.
#Investment (I)=
लोग जो बैंक में पैसे डालते हैं, शेयर मार्किट में पैसे लगते हैं etc…
# Government spending (G)=
सरकार स्टाफ को सैलरी देती है, सैन्य सामानों को खरीदती है, सरकारी बिल्डिंगों पर खर्च…..इत्यादि
# Export and Import [X and M]=
वे पैसे जो निर्यात से पाते हैं, उन्हें जोड़ा जायेगा
क्या आपको याद है, GDP का मतलब वे सभी चीज जो देश के अन्दर …mind it…देश के अन्दर (domestic)….उत्पादित की जाती हैं, उनका आर्थिक मूल्य (money value) ….. इसीलिए यदि हम import करते हैं यानी दूसरे देश से कुछ खरीदते हैं तो उसे GDP से घटाया जायेगा क्योंकि बाहर से लिया गया सामान देश के अन्दर produce नहीं हुआ है.
So what would be our desi formula??
GDP = Consumer+Investor+Government + (eXporter – iMporter)
किताबी formula है …
GDP(Expenditure)=C+I+G+(X-M)
b) Income method of counting GDP
इसके अंतर्गत आप सभी की आय (income) को गिनोगे. मगर कुछ ऐसे लोग होंगे जो अपना बिज़नस उधार से चला रहे हों, या किसी को देर से payment मिल रहा हो ….इसीलिए यह विधि टिकाऊ नहीं होती.
c) Production method of counting GDP
उन सभी चीजों का आर्थिक मूल्य जो उत्पादित होती हों….(value added at each stage)
किसान गेहूँ उत्पादित करता है और 100 kg …2000 रु. में बेचता है.
आंटे के मिल ने उसे खरीद लिया, इसको पीसा और किसी bakery वाले को 2500 रु. में बेच दिया. (पिछली खरीद से +500 रु. added )
Bakery वाले ने उसका ब्रेड बनाया, बिस्कुट बनाया….और हमें बेच दिया…@ 3500 रु. में (पिछली खरीद से +1000 रु. added)
तो कुल GDP क्या हुआ?
2000+2500+3500= 8000 रु. ???? न …न …आपको value added देखना है.
इसीलिए, कुल आर्थिक मूल्य (money value) = 2000+500+1000=3500.
GDP Market Price (MP) Vs. Factor Cost (FC) में अंतर
आपने बहुत बार किताबों में GDP at market price (MC) और GDP at factor price (FC) के विषय में पढ़ा होगा. पर इकोनॉमिक्स की क्लिष्ट भाषा हमें ले डूबती है. पता नहीं किताबों में घुमा-फिरा के चीजों को क्यों परोसते हैं जबकि इकोनॉमिक्स के कुछ टर्म को समझना बेहद आसान हैं. GDP mp और GDP fc को ही ले लीजिए.
GDP at market price (GDP mp)
नाम से ही स्पष्ट है कि यहाँ market price की बात चल रही है. किसी product या service का वह दाम/प्राइस जिसे हम बाजार से खरीदते हैं. मान लीजिए आप और हम होटल में जा कर तंदूरी रोटी खाते हैं. जब खा कर उठने लगे तो वेटर आकर बिल थमा जाता है. आपने Rs.600 वेटर को थमा दिया.
तो यह Rs. 600 क्या है? यह तंदूरी का market price है. जब गवर्नमेंट अपना GDP कैलकुलेट करती है….तो उन तमाम चीजों को जोड़ती है जो बाजार की कीमतों (MRP) से सम्बंधित होते हैं. याद कीजिए:- Expenditure method of counting GDP
अब मैं आपके वार्षिक खर्च की खबर लेता हूँ:—
दूध= 10000 रु. वार्षिक
होटल खर्चा= 20000 रू. वार्षिक
दोस्त पर खर्च= 100000 रु. वार्षिक
किताबों पर खर्च= 5000 रू. वार्षिक
मल्टीप्लेक्स पर खर्च= 5000 रू. वार्षिक
कपड़ों पर खर्च= 30000 रू. वार्षिक
अब मैं यदि आपके इन खर्चों को जोड़ दूँ, तो आपका वार्षिक खर्चा निकलता है= १,70,000 रू.
इसलिए जब सरकार Consumption method (C) से GDP कैलकुलेट करेगी तो आपके इन तमाम खर्चों को जोड़ेगी और बताएगी कि India का GDP 1 लाख 70 हज़ार है (काल्पनिक फिगर है)
पर सोचिए कि आपने ये सब खर्च तो कर दिया….पर ये पैसे कहीं-न-कहीं किसी के पास तो गए होंगे न? जैसे- दूध वाले के पास, होटल वाले के पास, किताब वाले के पास…
तो क्या उनको पूरा पैसा मिल गया जितना आपने उन्हें दिया था? सोचिए….आपने होटल वाले को जो 20,000 रूपये दिए तो क्या वह होटल का मालिक पूरा का पूरा 20000 रु. गड़क गया?
नहीं….. अब आगे पढ़िए>>>
GDP at factor price (GDP fc)
होटल के मालिक को आपके दिए हुए पूरे के पूरे बीस हजार नहीं मिले. क्योंकि आपने जो 20 हज़ार उसे दिया था उसमें तमाम तरह के tax जुड़े हुए थे. VAT, Service Tax और पता नहीं क्या-क्या…. मानिए उन टैक्स का टोटल अमाउंट 50 रु. था तो होटल के मालिक को सिर्फ 19,550 रूपये मिले. बाकी के पैसे (50 रु.) सरकार को चले गये.
इसलिए हम इस निष्कर्ष पर आते हैं…कि consumer ने जो pay किया और producer ने जो receive किया, वह same नहीं होता. दोनों amount में एक gap होता है जो सरकार के पास जाता है.
किसी Factory के मालिक को मजदूर को पैसा (wages), interest, bill, rent, tax etc. देना होता है. ये सब उसके खर्च हैं.
इसलिए राष्ट्रीय खाते की गणना करते समय जब फैक्टर कॉस्ट टर्म का प्रयोग होता है तो हमें समझ लेना होगा कि सरकार उन पैसों/अमाउंट की बात कर रही है जो without indirect taxes (excise duty, sales tax, customs duty) etc. के बाद अंततः producer को मिली है.
इसलिए GDP (fc) का formula भी है=
GDP(fc)= GDP(mp) – indirect taxes+subsidy OR GDP(fc)= GDP(mp) – net indirect taxes
यहाँ फैक्टर कॉस्ट के फोर्मुले में GDP mp से सब्सिडी इसलिए घटा दिया गया क्योंकि किसी-किसी वस्तुओं की बिक्री पर सरकार subsidy देती है जैसे- (sugar, rice, LPG cylinder). सब्सिडी टैक्स के ठीक विपरीत है. सरकार market price पर नियंत्रण रखने के लिए वस्तुओं की बिक्री पर subsidy देती है. सब्सिडी से वस्तु का बाजार मूल्य गिरता है. जैसे गवर्नमेंट को एक LPG का कॉस्ट 1400 रु. वहन करना होता है. जबकि हम उसे मात्र 700 रु. में खरीदते हैं. यही सब्सिडी है. हम दूसरे शब्दों में कह सकते हैं कि किसी वस्तु के subsidized हो जाने पर उसका market price उसके factor cost से कम हो जाता है.
जब economy फल-फूल रही होती है तो, GDPMP >GDPFC
Slowdown के समय, GDPMP <GDPFC
क्योंकि जब स्लो-डाउन होता है तो indirect tax भी गिरता है और सरकार पर सब्सिडी का बोझ बढ़ जाता है.
Conclusion:–>>
GDP Market Price = Factor Cost + Indirect taxes – Subsidies.
संक्षेप में, MP में net indirect tax शामिल हैं, जबकि FC में नहीं. दूसरे शब्दों में, FC तब MP बन जाता है जब उसमें net indirect tax जोड़ा जाता है. Indirect tax और subsidy के बिना GDPmp और GDPfc दोनों एक ही हैं.