2015 वर्ष के अगस्त महीने में RBI ने 11 संस्थाओं को पेमेंट बैंक (Payment Bank) के लिए सैधांतिक मंजूरी दी थी जिसमें बड़े-बड़े नाम थे- रिलायंस इंडस्ट्रीज, आदित्य बिड़ला, टेक महिंद्रा इत्यादि. आज हम पेमेंट बैंक है क्या उसके विषय में चर्चा करेंगे. 2013 में नचिकेत मोर (Nachiket Mor) जो स्वयं RBI के बोर्ड मेम्बर थे, उन्होंने small business और low income households वालों को बढ़ावा देने के लिए एक कमिटी बनायी थी जिसमें payment banks बनाने की सिफारिश भी की गयी थी. Payment Banks का concept /meaning पहले से चले आ रहे Pre-Paid Instrument Providers (PPI) जैसा था मगर इन दोनों में कुछ अंतर भी थे.
PPI और Payment Bank के अंतर्गत:-
१. आपको उन्हें पैसा देते हैं.
२. बदले में आपको वे “digital wallet” की सुविधा देते हैं जो आपके मोबाइल में एक app के अंतर्गत होता है.
३. आप digital wallet का प्रयोग विभिन्न payment के लिए कर सकते हैं जैसे दावा खरीदने, बिजली बिल, पानी बिल, टेलीफोन बिल, मोबाइल रिचार्ज आदि के लिए.
PPI में जो limitations थे उन्हीं को हटाने के लिए 2013 में Nachiket Mor Committe बनायी गयी थी ताकि Payment Banks को introduce किया जा सके. पर PPI में ऐसी क्या खराबी थी जिसके चलते Payment Bank का concept लाना पड़ा?
a) PPI को Payment and Settlements Act of 2007 (RBI) द्वारा नियमित किया जाता है.
b) PPI आपको जमे पैसे पर सूद नहीं देती है जो गरीबों और छोटे-बिज़नस करने वालों के लिए फायदेमंद नहीं है.
c) इसमें Rs. 50000 तक पैसे deposit किए जा सकते हैं.
d) आप अपने जमे पैसे को निकाल नहीं सकते हैं. उन्हें आपको कार्ड के जरिए खर्च करना पड़ेगा.
e) आप जब-जब इसके digital wallet से पैसे खर्च करेंगे, हर transaction पर 0.5% charge लगेगा.
d) PPI के उदाहरण कई सारे हैं– जैसे एयरटेल मनी, फ्लिप्कार्ट वॉलेट, PAYTM, Zipcash etc.
e) आप एयरटेल मनी में जमे पैसे को फ्लिप्कार्ट वॉलेट में या vice-versa ट्रान्सफर नहीं कर सकते.
और भी कई PPI (Pre-Paid Instrument Providers) से उपजने वाली असुविधाओं को देखते हुए Nachiket Committee ने recommend/Guidelines किया कि —
१. अब RBI को कंपनियों को PPI के लिए license देना बंद कर देना चाहिए.
२. यदि फिर भी कोई कम्पनी इस तरह की सुविधा के लिए apply करना चाहती है तो वह Payment Bank की licence के लिए अप्लाई करे.
मगर आखिर Payment Bank क्यों?
a) Pre-Paid Instrument Providers (PPI) = बकवास. जमे पैसे पर इंटरेस्ट नहीं देती.
b) Basic concept अच्छा है क्योंकि = आप पेमेंट वॉलेट में पैसा भरते हो और खरीददारी या बिल चुकाने के लिए cashless and cheque-less, बिना ATM जाए, बिना क्रेडिट कार्ड के, भुगतान करते हो.
सैधांतिक रूप से PPI Model अच्छा है मगर जमे पैसे पर interest नहीं देना इसकी सबसे बड़ी खामी है. इसलिए Nachiket Babu के recommendation पर “payment bank” का concept लाया गया (Under the banking regulation Act).
अंततः 2015 में बड़ी-बड़ी संस्थाओं (रिलायंस इंडस्ट्रीज, आदित्य बिड़ला, टेक महिंद्रा इत्यादि) को पेमेंट बैंक के रूप में कार्य करने की मंजूरी दी गयी. अब ये संस्थाएं एक बैंक के रूप में कार्य करेंगे. पेमेंट बैंक मोबाइल बैंकिंग को बढ़ावा देने के लिए एक कदम है. पारम्परिक रूप से जो हम बैंक की शाखा जा कर बैंक से पैसा निकालते हैं, डालते हैं और पता नहीं क्या-क्या करते हैं…उसको सरल बनाने के लिए पेमेंट बैंक की शुरुआत की गयी. या फिर यह कह सकते हैं कि मोबाइल के माध्यम से ग्राहकों से जुड़ने के लिए यह एक पहल थी.
पर क्या पेमेंट बैंक (Payment Bank) के जरिये क्या बैंकिंग के सभी कार्य संभव है?
१. पेमेंट बैंक लोन ऑफर नहीं कर सकते.
२. आपको अपने जमे धन पर इंटरेस्ट भी मिलेगा (ये सुविधा PPI नहीं देती थी) . आप १ लाख तक धन इन बैंकों में जमा कर सकते हैं (जो PPI में 50 हज़ार थी).
३. आप धन ट्रान्सफर कर सकते हैं, मुझे ट्रान्सफर कर सकते हैं या अपने पड़ोसी के बैंक अकाउंट में.
४. बिलों का स्वतः भुगतान (automated payment) किया जा सकता है, बाज़ार में मोबाइल के जरिये कैशलेस और चेकलेस पेमेंट किया जा सकता है.
५. पेमेंट बैंक डेबिट कार्ड या डेबिट कार्ड इशू कर सकते हैं जिन्हें ATM में प्रयोग किया जा सकता है.
६. फोरेक्स कार्ड भी इशू कर सकते हैं. फोरेक्स कार्ड बोले तो….आप विदेश जायेंगे तो वहां के ATM से पैसा निकाल सकते हैं.
७. फोरेक्स सर्विसेज का जो चार्ज होता है. वह बैंक के रेट से कम भी हो सकता है.
Payment Bank को CRR (Cash Reserve Ratio) ठीक उसी तरह maintain करना पड़ता है जैसे RBI controlled अन्य सरकारी या प्राइवेट बैंक करते हैं. Payment Bank SLR प्रतिभूतियों पर निवेश कर सकती है.
वे कौन-कौन सी संस्थाएँ हैं जिनको RBI ने ये सुविधाएँ यानी पेमेंट बैंक बनने की अनुमति प्रदान की हैं?
- Aditya Birla Nuvo Ltd
- Airtel M Commerce Services Ltd (first company to get Payment Bank license)
- Cholamandalam Distribution Services Ltd
- Department of Posts
- Fino PayTech Ltd
- National Securities Depository Ltd
- Reliance Industries Ltd
- Dilip Shantilal Shanghvi
- Vijay Shekhar Sharma
- Tech Mahindra Ltd
- Vodafone m-pesa Ltd
क्या RBI का यह स्टेप बैंकिंग-प्रथा में बदलाव ला रही है?
वर्ष 2015 में बैंकिंग इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब RBI ने किसी को इतने महत्त्वपूर्ण कार्य का लाइसेंस दे दिया. RBI का यह कदम पूरे देश में आर्थिक समावेश को बढ़ावा देने का प्रयास माना जा रहा है. वैसे पेमेंट बैंक पहले से कई देशोंमें लागू हैं और बहुत फल-फूल रहे हैं. केन्या देश इसका सबसे अच्छा उदाहरण है जहाँ की 75% जनता M-Pesa का प्रयोग कर रही है. केन्या में उसके सकल घरेलू उत्पाद का 25% income flow M-Pesa से ही आता है.
आशा है कि आपको अब payment bank की meaning समझ आ गयी होगी.