भारत और जापान ने 8 मई 2017 को एशियाई क्षेत्र में बढ़ते तनाव के बीच अपने रक्षा सहयोग को मजबूत करने की योजना की पुष्टि की. भारत और जापान एशिया में शांति और स्थिरता बनाये रखने भागीदारी निभाएंगे.
रक्षा मंत्री अरुण जैटली ने दोनों देशो के बीच रक्षा सहयोग मजबूत करने की योजना की पुष्टि की है. अरुण जेटली ने जापान के रक्षामंत्री तोमोमी इनादा से कहा कि भारत को एशिया में शांति और स्थिरता के लिए जापान के साथ सामरिक भागीदारी आगे बढ़ाने की उम्मीद है.
दक्षिण चीन सागर में क्षेत्रीय गतिरोध और उत्तर कोरिया के परमाणु और प्रक्षेपास्त्र खतरों सहित अनेक तरह के क्षेत्रीय तनाव बढ़ रहे है. अरुण जेटली एशियाई विकास बैंक की वार्षिक बैठक में भाग लेने के लिए जापान यात्रा पर हैं.
भारत-जापान संबंध:
भारत और जापान के संबंध हमेशा से काफ़ी मजबूत और स्थिर रहे हैं. जापान की संस्कृति पर भारत में जन्मे बौद्ध धर्म का स्पष्ट प्रभाव देखा जा सकता है. जापान ने भारत में अवसंरचना विकास के कई प्रोजेक्ट का वित्तीयन किया है और इनमें तकनीकी सहायता उपलब्ध करायी है.
भारत के स्वतंत्रता संघर्ष के दौरान भी जापान की शाही सेना ने सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिन्द फौज को सहायता प्रदान की थी. भारत की स्वतंत्रता के बाद से भी अब तक दोनों देशों के बीच मधुर संबंध रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय उपमहाद्वीप से बाहर किसी द्विपक्षीय विदेश यात्रा के लिए सर्वप्रथम जापान को चुना.
जापान की कई कम्पनियाँ जैसे कि सोनी, टोयोटा और होंडा ने अपनी उत्पादन इकाइयाँ भारत में स्थापित की हैं और भारत की आर्थिक विकास में योगदान दिया है. इस क्रम में सबसे अभूतपूर्व योगदान है वहाँ की मोटर वाहन निर्माता कंपनी सुज़ुकी का जो भारत की कंपनी मारुति सुजुकी के साथ मिलकार उत्पादन करती है और भारत की सबसे बड़ी मोटर कार निर्माता कंपनी है. भारत और जापान के बीच नाभिकीय ऊर्जा पर एक महत्वपूर्ण समझौता हुआ हैं.