सम्पूर्ण भारत वर्ष में समान टैक्स ढ़ांचे हेतु केंद्र सरकार ने जीएसटी लागू करने का फैसला किया है. जीएसटी काउंसिल इस फैसले पर अमल करते हुए इसे एक जुलाई 2017 से पूरे देश में लागू करने जा रही है. सेंट्रल एक्साइज और सर्विस टैक्स चुकाने वाले कारोबारियों को नई दरों पर जीएसटी का भुगतान करना होगा.
जीएसटी काउंसिल के अनुसार 1 जुलाई 2017 से जीएसटी के अनुरूप अधिकतर वस्तुओं की नई दरें लागू हो जाएंगी. इन दरों के लागू होने के बाद आम उपभोक्ता को ज्ञात होगा कि बाजार से उपभोग के लिए ली जाने वाली सुविधाएं, गुड्स और सर्विसेज की कीमत 1 जुलाई 2017 के बाद कम होगी या अधिक.
जीएसटी काउंसिल की बैठक के बारे में-
जीएसटी काउंसिल की बैठक के बारे में-
- जीएसटी काउंसिल ने पहले दिन सभी नियमों को मंजूरी दे दी. अब इस मामले में श्रीनगर में दो दिवसीय बैठक आयोजित की गयी.
- जीएसटी की बैठक में 0 से 5% की स्लैब पर भी फैसला किया गया.
- बैठक में जीएसटी के सभी 9 नियमों को मंजूरी प्रदान की गई.
- 0 से 5 फीसदी टैक्स स्लैब में आने वाले प्रोडक्ट्स पर नाम मात्र का टैक्स लगेगा अन्यथा जीरो टैक्स लगेगा.
- वित्त मंत्री अरुण जेटली के अनुसार जीएसटी लागू होने के बाद कोई भी कारोबारी टैक्स की चोरी नहीं कर पाएगा. जब कारोबार साफ हो जाएगा तो स्वाभाविक है कि इसका फायदा और नुकसान सीधे आम आदमी को होगा.
क्या सस्ता और क्या मंहगा-
- जीएसटी के नए नियम लागू होने के बाद आम उपभोक्ता के लिए क्या सस्ता होगा और क्या मंहगा होगा, नीचे उल्लेखित किया गया है-
- दूध और दही को मौजूदा समय की तरह जीएसटी की नई दरों में भी जीरो जीएसटी लिस्ट में शामिल किया जाएगा. मिठाई और दूध के बने उत्पादों पर 5 फीसदी टैक्स लागू किया जाएगा.
- चीनी, चाय, कॉफी (इंस्टैंट कॉफी को छोड़कर) और खाद्य तेल जैसी रोज उपयोग वाली वस्तुओं पर न्यूनतम टैक्स रेट 5 फीसदी होगा.
- अनाज, विशेष रूप से गेहूं और चावल की कीमत नीचे आ जाएगी क्योंकि उन्हें जीएसटी से छूट मिलेगी. वर्तमान में, कुछ राज्यों द्वारा उन पर मूल्यवर्धित कर (वैट) लागू किया है.
- पहले दिन 1,211 वस्तुओं में से 6 वस्तुओं के लिए जीएसटी की दर निर्धारित की गई.
- पैकिंग वाले खाद्य पदार्थों की जीएसटी पर अंतिम निर्णय किया जा रहा है.
- बैठक में सात फीसदी वस्तुओं को कर छूट सूची के अंतर्गत लिया गया है, 14 फीसदी को 5 फीसदी के सबसे कम टैक्स रेट के अंदर रखा गया.
- वहीं 17 फीसदी आइटम को 12 फीसदी टैक्स स्लैब में रखा गया है. 43 फीसदी को 18 फीसदी टैक्स रेट में रखा गया और केवल 19 फीसदी माल टॉप टैक्स ब्रैकेट में 28 फीसदी की लिस्ट में रखा गया.
वित्त मंत्री अरुण जेटली के अनुसार ज्यादातर वस्तुए टैक्स रेट की सूची (आज की बैठक में) फाइनल कर ली गयी हैं. बाकी वस्तुओं की दर निर्धारित करने हेतु बैठक अंतिम निर्णय करेगी, जिसमें सोना, फुटवियर, ब्रांडेड आइटम और बीड़ी शामिल हैं. सेवाओं के लिए भी कर की दर को फाइनल किया जायेगा.