वस्त्र मंत्री ने हस्तशिल्प कारीगरों के लिए हेल्पलाइन आरंभ की
केन्द्रीय वस्त्र मंत्री स्मृति जुबिन इरानी ने 05 मई 2017 को हस्तशिल्प कारीगरों के लिए एक हेल्पलाइन नंबर आरंभ किया. इसका उद्देश्य इस क्षेत्र के कामगारों को समय पर मदद पहुंचाना तथा किसी समस्या के समय उनकी सहायता करना है जिससे वे अपने उत्पादन को बेहतर दिशा दे सकें.
स्मृति जुबिन इरानी द्वारा जारी हेल्प लाइन नंबर 1800-2084-800 है. स्मृति इरानी के अनुसार हथकरघा बुनकरों के लिए शुरू की गई बुनकर मित्र हेल्पलाइन के जरिये अब तक 6707 बुनकरों की समस्याओं का समाधान हो चुका है.
स्मृति जुबिन इरानी द्वारा जारी हेल्प लाइन नंबर 1800-2084-800 है. स्मृति इरानी के अनुसार हथकरघा बुनकरों के लिए शुरू की गई बुनकर मित्र हेल्पलाइन के जरिये अब तक 6707 बुनकरों की समस्याओं का समाधान हो चुका है.
स्मृति ईरानी ने कहा कि हथकरघा गणना शुरू हो चुकी है और बुनकरों को अगले राष्ट्रीय हथकरघा दिवस पर पहचान पत्र दिये जायेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने 75 फीसदी शुल्क सब्सिडी बीपीएल परिवारों के बुनकरों एवं कारीगरों के बच्चों को देने का निर्णय लिया है जिससे कि वे एनआईओएस के तहत स्कूली शिक्षा और इग्नू से विश्व विद्यालय की शिक्षा प्राप्त कर सकें.
इसके अतिरिक्त वस्त्र मंत्री ने वस्त्र् मंत्रालय की ओर से भौगोलिक संकेतकों (जीआई) के तहत कवर किये गये भारतीय हस्तशिल्प एवं हथकरघों का एक संग्रह भी जारी किया, जो एनसीडीपीडी द्वारा संकलित किया गया है. इस संग्रह में अप्रैल 2017 तक जीआई के तहत कवर किये गये समस्त 149 भारतीय हस्तशिल्प एवं हथकरघों की सूची एवं विवरण शामिल हैं
अमरीकी प्रतिनिधि सभा ने उत्तर कोरिया के खिलाफ कड़े प्रतिबंधों को मंजूरी दी
अमरीकी प्रतिनिधि सभा ने उत्तर कोरिया के खिलाफ प्रतिबंधों को कड़ा करने संबंधी एक विधेयक को मंजूरी दे दी है और इन प्रतिबंधों के तहत जहाजरानी उद्योग और कंपनियों को निशाना बनाया गया है.
प्रतिनिधि सभा में हुए मतदान में 419 सांसदों ने प्रतिबंध कड़े करने के पक्ष मतदान किया जबकि इसके विरोध में केवल एक ही वोट पडा.
उत्तर कोरिया पर प्रतिबंध कड़े करने के समर्थन में सांसदों ने कहा कि इस निर्णय का मुख्य उद्देश्य उत्तर कोरिया के लगातार परमाणु और मिसाइल परीक्षण के बाद पूरे विश्व में उत्पन्न तनाव के बीच इस देश को कड़ा संदेश देना है.
उल्लेखनीय है कि उत्तर कोरिया अपने परमाणु कार्यक्रम की वजह से पहले से ही कड़े अमरीकी प्रतिबंध झेल रहा है लेकिन हाल के दिनों में अमरीका की ओर से चेतावनी के बावजूद भी यह लगातर मिसाइल परीक्षण कर रहा है जिससे दोनों देशों के बीच तनाव काफी बढ़ गया है.
फीफा रैंकिंग में भारत 100वें स्थान पर
फीफा द्वारा 04 मई 2017 को जारी विश्व रैंकिंग में भारत को 100वां स्थान प्राप्त हुआ है. भारतीय टीम को पिछले 21 वर्षों में पहली बार यह स्थान प्राप्त हुआ है.फीफा की रैकिंग में कोच स्टीफन कोंस्टैंटाइन वाली टीम ने यह स्थान हासिल किया. भारत इस स्थान पर निकारागुआ, लिथुआनिया और इस्टोनिया के साथ सुंयक्त रूप से काबिज है.
इससे पहले भारत वर्ष 1996 में फीफा रैंकिंग में शीर्ष 100 में पहुंचा था. फरवरी 1996 में भारत को 94वां स्थान प्राप्त हुआ था. यह भारत की सर्वश्रेष्ठ फीफा रैंकिंग है. भारत को हाल ही में कंबोडिया, म्यांमार के खिलाफ घर से बाहर मिली जीत के बाद यह स्थान हासिल हुआ.
महात्मा गांधी से संबंधित अल्फ्रेड हाईस्कूल को संग्रहालय में तब्दील करने की घोषणा
गुजरात के राजकोट में स्थित अल्फ्रेड हाईस्कूल जिसमें महात्मा गांधी अध्ययन कर रहे थे, उसे अब गुजरात सरकार ने संग्रहालय में तब्दील करने का फैसला किया है.
अल्फ्रेड हाईस्कूल को अधिकारियों ने 164 साल बाद बंद कर दिया है. स्कूल को मोहनदास गांधी हाईस्कूल के नाम से भी जाना जाता था.
गुजराती माध्यम के इस सरकारी स्कूल को संग्रहालय में तब्दील करने का प्रस्ताव गुजरात सरकार ने पिछले साल मंजूर कर लिया था.
महात्मा गांधी 1887 में 18 साल की उम्र में इस स्कूल से उत्तीर्ण हुए थे. अधिकारियों ने बताया कि सभी 125 छात्रों को स्थानांतरण प्रमाण पत्र जारी करना शुरू कर दिया गया है.
राजकोट नगर निगम ने वर्ष 2016 में स्कूल को बंद करने और इसे संग्रहालय में तब्दील करने का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा था.
यह संग्रहालय महात्मा गांधी, सरदार पटेल और अन्य कई जानी मानी हस्तियों का जीवन परिचय प्रदर्शित करेगा.
गुजरात के राजकोट से महात्मा गांधी वर्ष 1887 में 18 साल की उम्र में अल्फ्रेड हाईस्कूल से प्राथमिक शिक्षा ली थी.
अल्फ्रेड हाईस्कूल:
• अल्फ्रेड हाईस्कूल की स्थापना 17 अक्तूबर 1853 में ब्रिटिश काल में हुई थी.
• उस समय यह सौराष्ट्र क्षेत्र का पहला अंग्रेजी माध्यम स्कूल था.
• अल्फ्रेड हाईस्कूल के संस्थापक जूनागढ़ के एच. एच. नवाब थे.
• इस स्कूल का नाम ड्यूक ऑफ एडिनबर्ग प्रिंस अल्फ्रेड के नाम पर रखा गया था.
• वर्ष 1947 में भारत की स्वतंत्रता के बाद इसका नाम मोहनदास गांधी स्कूल कर दिया गया.
केंद्रीय खेल मंत्रालय ने राष्ट्रीय युवा पुरस्कारों में बदलाव की घोषणा की
केंद्रीय युवा मामले और खेल मंत्री विजय गोयल ने 3 मई 2017 को नए राष्ट्रीय युवा पुरस्कारों की औपचारिक रूपरेखा की घोषणा की. राष्ट्रीय युवा पुरस्कारों की चयन प्रक्रिया को अधिक व्यापक और पारदर्शी बनाने की दिशा में किए गए प्रयासों को ध्यान में रखते हुए यह पहल की गई है.
युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय द्वारा प्रत्येक वर्ष खेल के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य को मान्यता देने हेतु यह पुरस्कार दिया जाता है.
इसके अलावा इस पुरस्कार का उद्देश्य राष्ट्रीय विकास एवं सामाजिक सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल करने के लिए युवाओं को प्रेरित करने, समाज के प्रति जिम्मेदारी की भावना विकसित करने और एक बेहतर नागरिक बनने के प्रति खुद युवाओं के अंदर संभावनाओं को बढ़ाना भी है.
ऑनलाइन आवेदन:
• राष्ट्रीय युवा पुरस्कार के लिए नामांकन की प्रक्रिया ऑनलाइन तरीके से पूरी की जाएगी.
• पहले ये नामांकन संबंधित राज्यों अथवा संघ शासित प्रदेशों के माध्मय से किया जाता था.
• इसके विपरीत, अब कोई भी आवेदक सीधे मंत्रालय को अपना आवेदन ऑनलाइन माध्यम से भेज सकता है.
• ऑनलाइन आवेदनों के लिए मंत्रालय में नया पोर्टल https://innovate.mygov.in/national-youth-award/ बनाया गया.
• इस पर अंतिम फैसला आठ सदस्यीय केंद्रिय चयन समिति द्वारा लिया जाएगा जिसकी अध्यक्षता युवा मामले मंत्रालय के सचिव करेंगे और जिसमें अन्य प्रसिद्ध हस्तियां भी उपस्थित रहेगें.
राष्ट्रीय युवा पुरस्कारों के लिए एक नया लोगो भी जारी किया गया