फोर्ब्स द्वारा जारी गेमचेंजर्स सूची में मुकेश अंबानी विश्व में प्रथम
फोर्ब्स द्वारा जारी की गयी गेमचेंजर्स सूची में मुकेश अंबानी को विश्व में 25 हस्तियों की सूची में प्रथम स्थान प्रदान किया गया है. मौजूदा स्थिति से अंसतुष्टि रखने और दुनिया भर के लोगों की जिंदगी में बदलाव लाने की इच्छा रखने वाले लोगों को इस सूची में जगह दी गई है.
फोर्ब्स द्वारा जारी की गयी सूची में मुकेश अंबानी को यह स्थान अरबों की संख्या में लोगों की जिंदगी में बदलाव लाने और अपने ही उद्योग में बड़े सुधार करने के कारण प्रदान किया गया है.
फोर्ब्स द्वारा जारी की गयी सूची में मुकेश अंबानी को यह स्थान अरबों की संख्या में लोगों की जिंदगी में बदलाव लाने और अपने ही उद्योग में बड़े सुधार करने के कारण प्रदान किया गया है.
भारत में जियो की लॉन्चिंग के साथ इंटरनेट क्रांति लाने और आम लोगों तक डेटा की आसान पहुंच के लिए उन्हें पहला स्थान दिया गया है. मुकेश अंबानी रिलायंस इंडस्ट्री
प्रमुख तथ्य-
- रिलायंस जियो के जिक्र के साथ फोर्ब्स ने अंबानी के बारे में लिखा, 'तेल और गैस कारोबारी ने धमाके के साथ टेलिकॉम मार्केट में एंट्री की और बेहद कम दाम पर लोगों को फास्ट इंटरनेट की सुविधा भी उपलब्ध कराई.
- जियो ने छह महीने के भीतर 10 करोड़ ग्राहक बनाए और मार्केट में कई कंपनियों को बदलाव के लिए मजबूर होना पड़ा.
- फोर्ब्स ने अंबानी की उस बात का भी जिक्र किया है, जिसमें उन्होंने कहा था, 'जो कुछ भी डिजिटल हो सकता है, वह डिजिटल हो रहा है.
सूची मे अन्य लोग-
मुकेश अंबानी के अलावा इस सूची में होम अप्लायंसेज कंपनी डायसन के फाउंडर जेम्स डायसन, सऊदी के डेप्युटी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान, अफ्रीकी रिटेल टाइकून क्रिस्टो वीजे और ब्लैक रॉक के फाउंडर लैरी फिंक जैसी हस्तियों को जगह प्रदान की गई. ज के चेयरमैन है.
केन्द्रीय कैबिनेट ने कोल लिंकेज पॉलिसी को मंजूरी प्रदान की
केंद्र सरकार ने 17 मई 2017 को कोल लिंकेज पॉलिसी को स्वीकृति प्रदान प्रदान की. केंद्र सरकार के इस निर्णय से बिजली कंपनियों को बडे पैमाने पर राहत मिलेगी. कोल लिंकेज पॉलिसी के तहत रिवर्स ऑक्शन के माध्यम से पावर प्लांट्स के लिए फ्यूल की सप्लाई सुनिश्चित की जा सकेगी.
कोल लिंकेज पॉलिसी के बारे में-
- कोल लिंकेज पॉलिसी को मंजूरी कैबिनेट कमेटी ऑन इकोनॉमिक अफेयर्स की बैठक में प्रदान की गयी.
- इस पालिसी के माध्यम से प्रोड्यूसर्स ऑर्गनाइज्ड तरीके से पावर प्लांट्स को फ्यूल की आपूर्ति सुनिश्चत कर सकेंगे.
- केंद्र सरकार की पहल से इंटरनेशनल मार्किट की कंडीशंस के अनुरूप ड्राई फ्यूल की कीमतों को नीचे लाने में मदद मिली है,साथ ही डॉमेस्टिक प्रोडक्शन को बढ़ावा मिला है.
कोल लिंकेज पॉलिसी के लाभ-
- पावर प्लांट्स को कॉम्पीटिटिव रेट्स पर कोल लिंकेज उपलब्ध कराने हेतु एक व्यवस्था स्थापित करना आवश्यक है.
- सरकार पावर प्लांट्स को उनके शिड्यूल्स के तहत ड्राई फ्यूल की सोर्सिंग हेतु उचित व्यवस्था की संरचना करेगी.
- कोल लिंकेज पॉलिसी के बाद बिजली कंपनियां कोल लिंकेज हासिल करने के लिए कोल इंडिया (सीआईएल) नोटिफाइड प्राइस पर बिड लगा सकेंगी.
- पावर के लिए कोल लिंकेज ऑक्शन पॉलिसी को ‘शक्ति’ नाम प्रदान किया गया है.
- नीति के अनुसार स्टेट, सेंट्रल जेनरेटिंग कंपनियां और ज्वाइंट वेंचर्स को पावर मिनिस्ट्री की सिफारिशों के आधार पर लिंकेज मिलेगा.
ऊर्जा मन्त्री पीयूष गोयल के अनुसार पावर सेक्टर के लिए एक नई कोल अलोकेशन पॉलिसी ‘शक्ति’ की पेशकश को मंजूरी दी गई है.
केन्द्रीय कैबिनेट के अन्य फैसले-
केन्द्रीय कैबिनेट के अन्य फैसले-
- इसके अलावा कैबिनेट ने कई अन्य फैसलों को भी मंजूरी प्रदान की.
- कैबिनेट ने मैटरनिटी बेनिफिट प्रोग्राम को भी मंजूरी दे दी. इस योजना का लाभ सिर्फ पहले बच्चे के जन्म पर मिलेगा.
- ब्लैकमनी से संबंधित टैक्स ट्रीटीज में संशोधन का अहम फैसला भी लिया गया.
- कैबिनेट ने बेस में कमी और प्रॉफिट शेयरिंग में में कमी को रोकने के उपायों से संबंधित टैक्स ट्रीटी को लागू करने के लिए मल्टीलेटरल कन्वेंशन पर भारत के हस्ताक्षर को भी मंजूरी दी.
- कैबिनेट ने भारत के लिए स्वदेशी प्रेशराइज्ड हैवी वाटर रिएक्टर्स की 10 यूनिट्स के निर्माण को मंजूरी प्रदान की.
- इसके साथ ही असम में एक इंडियन एग्रीकल्चरल रिसर्च इंस्टीट्यूट की स्थापना को मंजूरी दी गई.
कनाडा में डायनासोर की ममी खोजी गयी
पुरातत्वविज्ञानियों ने कनाडा में 110 मिलियन वर्ष पुरानी डायनासोर की ममी की खोज की है. वैज्ञानिकों द्वारा खोजी गयी इस ममी पर डायनासोर की चमड़ी भी लगी है.
इस डायनासोर का वजन 3000 पाउंड माना जा रहा है तथा इसे शाकाहारी डायनासोर बताया गया. एल्बर्टा में मौजूद इसे पुरातत्वविज्ञान के रॉयल टायरेल म्यूज़ियम में इसे 12 मई 2017 को दिखाया गया.
इस डायनासोर का वजन 3000 पाउंड माना जा रहा है तथा इसे शाकाहारी डायनासोर बताया गया. एल्बर्टा में मौजूद इसे पुरातत्वविज्ञान के रॉयल टायरेल म्यूज़ियम में इसे 12 मई 2017 को दिखाया गया.
इस खोज के बारे में संग्रहालय के पोस्टडॉक्टरल शोधकर्ता कालेब ब्राउन ने कहा कि यदि आज डायनासोर जीवित होते तो उनके पास सिर्फ कंकाल नहीं बल्कि पूरा डायनासोर होता.
मुख्य बिंदु
• डायनासोर की ममी पर त्वचा अब भी मौजूद देखी गयी.
• इस प्रकार की प्रजाति पहले कभी नहीं पायी गयी न ही एल्बर्टा में इतना पुराना डायनासोर पहले कभी पाया गया.
• इसकी त्वचा से विलुप्त हो चुकी इस प्रजाति के बारे में सटीक जानकारी प्राप्त हो सकेगी.
• यह जीवाश्म अचानक की गयी खुदाई के दौरान छह वर्ष पहले मिले थे.
• पिछले पांच वर्षों से शोधकर्ताओं ने इस विषय पर खोज करने के लिए 7000 घंटे तक काम किया है ताकि इस जीवाश्म के आस-पास मौजूद चट्टान को अलग किया जा सके.
• यह जीवाश्म एल्बर्टा की खदानों से निकालते समय टुकड़ों में टूट गया था.
अवशेष के टूटने पर रॉयल टायरेल म्यूज़ियम के प्रमुख डैरेन ने कहा कि यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है तथा इस क्षति को पूरा करना लगभग असंभव है लेकिन फिर भी सभी टुकड़ों को जोड़कर इसे पूरा किया जा सकता है.
केंद्र सरकार ने ईपीएफओ के नागरिक चार्टर 2017 की शुरुआत की
केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने 16 मई 2017 को बेंगलुरू में ईपीएफओ के नागरिक चार्टर 2017 और ई-कोर्ट प्रबंधन प्रणाली की शुरुआत की.
ईपीएफओ के नागरिक चार्टर 2017 की मुख्य विशेषताएं:
• नागरिक चार्टर 2017 का उद्देश्य ईपीएफओ की ओर से होने वाले कामकाज में पारदर्शिता के साथ-साथ जवाबदेही सुनिश्चित करना है.
• इससे सेवा प्रदान करने से जुड़ी प्रणाली एवं शिकायत निवारण व्यवस्था और बेहतर हो सकेगी जिससे इसके समस्त हितधारकों को वस्तुओं एवं सेवाओं को समयबद्ध ढंग से मुहैया कराया जा सकेगा.
• इसके तहत निर्धारित समय सीमा भी कम हो जायेगी, जो वर्तमान में 30 दिन है.
• दावा निपटान के मामले में समय सीमा 10 दिन और शिकायत निवारण प्रबंधन के मामले में समय सीमा 15 दिन है.
• सभी कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा कवरेज उपलब्ध कराने के विजन के साथ नागरिक या सिटीजन चार्टर को लांच किया गया है. इसका एक अन्य उद्देश्य सामाजिक सुरक्षा की पर्याप्तट सहायता के साथ सभी हितधारकों के फायदे के लिए नीतियों को क्रियान्वित करना है.
ईपीएफओ की ई-कोर्ट प्रबंधन प्रणाली की मुख्य विशेषताएं:
• ईपीएफओ की ई-कोर्ट प्रबंधन प्रणाली का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के डिजिटल इंडिया विजन को ध्यान में रखते हुए किया गया है.
• इस परियोजना का उद्देश्य एक पारदर्शी एवं इलेक्ट्रॉनिक मामला प्रबंधन प्रणाली सुनिश्चित करना है जो सभी हितधारकों यथा नियोक्ताओं, कर्मचारियों, याचिकाकर्ताओं और सीबीटी की अपेक्षाओं को पूरा करेगी.
• यह पेपरलेस कोर्ट प्रणाली की दिशा में एक महत्व पूर्ण कदम है जिसके तहत ईपीएफ एवं एमपी अधिनियम 1952 और ईपीएफएटी की अदालती प्रक्रिया डिजिटल तरीके से पूरी होगी.
• ट्रिब्यूनल तक आसान पहुंच सुनिश्चित करने के उद्देश्य से याचिकाकर्ताओं के पंजीकृत मोबाइल फोन नंबर पर उनके मामलों की ताजा स्थिति के बारे में स्वचालित संदेश भेजे जायेंगे. इसी तरह हितधारक भी विभिन्न मामलों पर ऑनलाइन नजर रख सकेंगे.
• पक्ष अपने सभी कागजात/साक्ष्य/दस्तावेजों को ऑनलाइन दाखिल कर सकेंगे और ताजा स्थिति के साथ-साथ सभी विवरण से ऑनलाइन अवगत हुआ जा सकेगा.