NSG के बारे में आप आजकल अख़बारों में बहुत कुछ सुन रहे है और ऐसे में यह जानना बेहद जरुरी हो जाता है कि आखिर यह है क्या क्योंकि NSG में शामिल होने के लिए भारत बहुत कवायद कर रहा है जबकि चीन इसके आड़े आ रहा है | NSG का full form है Nuclear Suppliers Group और यह कैसे काम करता है और इसके बारे में कुछ और बेहतरीन जानकारी हम आपके साथ साझा कर रहे है आज कि इस खास पोस्ट में
- Technology जो परमाणु विस्तार कार्यक्रमों में इस्तेमाल की जा सकती है को control किया जाता है |
- Materials, equipment के export को control करके भी परमाणु प्रसार को रोकने की दिशा में काम किया जाता है |
NSG का गठन – May 1974 को भारत ने जब अपना परमाणु परीक्षण किया तो इसके जवाब में Nuclear Suppliers Group का गठन किया गया और इनकी पहली बैठक जो है वो May 1975 में हुई | यह देखा गया कि nuclear technology को जन्हा जनकल्याण और उर्जा प्राप्त करने के लिए उपयोग किया जा सकता है वन्ही यह युद्ध के लिए भयंकर परिणाम देने वाले हथियार बनाने में भी किया जा सकता है | ऐसे में ऐसे परमाणु हथियारों और nuclear technology पर लगाम लगाना जरुरी है और ऐसा तभी संभव है जब इन से जुड़े साधनों के export और इम्पोर्ट पर लगाम लगाई जाएँ ऐसे में वो देश जिन्होंने NPT treaty पर sign किया हुआ है था यानि Nuclear Non-Proliferation Treaty (NPT) संधि पर sign किये हुए थे उन्होंने इस पर बात विचार किया | जबकि इसमें शामिल एक देश ऐसा भी है जिसने NPT पर हस्ताक्षर नहीं किये है लेकिन फिर भी फ़्रांस को Nuclear Suppliers Group समूह में शामिल कर लिया गया |
Member countries / सदस्य देश – शुरुआत में जब NSG का गठन हुआ तो उसमे केवल 7 देश Canada, West Germany, France, Japan, the Soviet Union, the United Kingdom, and the United States शामिल थे जबकि आज इस ग्रुप में 48 सदस्य है|
भारत और NSG – भारत भी इस समूह में सम्मिलित होने के लिए प्रयास कर रहा है लेकिन इस आड़े में चीन आ रहा है क्योंकि चीन और उसके सहयोगी देश जो पहले से ही NSG (Nuclear Suppliers Group) में शामिल है उनका समर्थन भारत को बहुत से कारणों से नहीं है जिसकी वजह से भारत लगातार अमेरिका और ब्रिटेन से समर्थन हासिल करने में जुटा हुआ है हालाँकि बाद में क्या होगा इस बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता है क्योंकि NSG में शामिल होने की प्रक्रिया जो है वो आम सहमती के सिद्धांत पर काम करती है ऐसे में भारत के खिलाफ अगर एक भी वोट होता है तो यह भारत के लिए सही नहीं है |