विश्व बैंक ने भारत में युवाओं को कौशल विकास प्रशिक्षण के लिए 25 करोड़ डॉलर का ऋण मंजूर किया. इस ऋण का उपयोग भारत में युवाओं की कुशल बनाया जा सकेगा ताकि उन्हें रोजगार प्राप्त करने में आसानी हो सके.
यह कदम कौशल भारत मिशन के अनुकूल है. विश्व बैंक द्वारा कहा गया कि वह भारत सरकार के युवाओं को अधिक कुशल बनाने के प्रयासों में समर्थन का इच्छुक है. इस सहयोग से युवा भारत की आर्थिक वृद्धि और समृद्धि में और अधिक योगदान कर सकेंगे.
बैंक ने कहा कि 25 करोड़ डालर के कौशल भारत मिशन परिचालन (सिमो) को बैंक के कार्यकारी निदेशकों के बोर्ड ने मंजूर किया.
मुख्य बिंदु
• इससे राष्ट्रीय स्तर पर 3 से 12 माह या 600 घंटे की अवधि के लघु अवधि के कौशल विकास कार्यक्रमों का बाजार के हिसाब से तर्कसंगता बढ़ सकेगी.
• इस कार्यक्रम के तहत 15 से 59 वर्ष के बेरोजगारों या अनुकूल रोजगार से वंचित लोगों को कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा.
• इसमें 15 से 29 साल के 1.2 करोड़ ऐसे युवाओं को भी शामिल किया जाएगा जो प्रत्येक वर्ष श्रम बाजार में उतरते हैं.
• इस कार्यक्रम के तहत महिलाओं को रोजगार और उद्यमशीलता के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे ताकि उनका कौशल विकास किया जाएगा.
इससे पूर्व ऑस्ट्रेलिया के एक थिंक टैंक ने भी भारत की मदद करने के लिए कहा था. ऑस्ट्रेलिया ने कहा था कि वह कौशल विकास सुधार के लिए भारत की मदद कर सकता है लेकिन उसे मौजूदा प्रशिक्षण व्यवस्थाओं पर मूलभूत शोध करने की आवश्यकता है. मेलबर्न के थिंक-टैंक ऑस्ट्रेलिया इंडिया इंस्टीट्यूट (एआईआई) ने कहा था कि ‘स्किल इंडिया’ भारत सरकार की एक बड़ी नीतिगत पहल है, जिसके तहत वर्ष 2022 तक 40 करोड़ भारतीय कर्मियों को पेशेवर प्रशिक्षण देने की बात कही गई है.
• इससे राष्ट्रीय स्तर पर 3 से 12 माह या 600 घंटे की अवधि के लघु अवधि के कौशल विकास कार्यक्रमों का बाजार के हिसाब से तर्कसंगता बढ़ सकेगी.
• इस कार्यक्रम के तहत 15 से 59 वर्ष के बेरोजगारों या अनुकूल रोजगार से वंचित लोगों को कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा.
• इसमें 15 से 29 साल के 1.2 करोड़ ऐसे युवाओं को भी शामिल किया जाएगा जो प्रत्येक वर्ष श्रम बाजार में उतरते हैं.
• इस कार्यक्रम के तहत महिलाओं को रोजगार और उद्यमशीलता के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे ताकि उनका कौशल विकास किया जाएगा.
इससे पूर्व ऑस्ट्रेलिया के एक थिंक टैंक ने भी भारत की मदद करने के लिए कहा था. ऑस्ट्रेलिया ने कहा था कि वह कौशल विकास सुधार के लिए भारत की मदद कर सकता है लेकिन उसे मौजूदा प्रशिक्षण व्यवस्थाओं पर मूलभूत शोध करने की आवश्यकता है. मेलबर्न के थिंक-टैंक ऑस्ट्रेलिया इंडिया इंस्टीट्यूट (एआईआई) ने कहा था कि ‘स्किल इंडिया’ भारत सरकार की एक बड़ी नीतिगत पहल है, जिसके तहत वर्ष 2022 तक 40 करोड़ भारतीय कर्मियों को पेशेवर प्रशिक्षण देने की बात कही गई है.