भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानि इसरो ने आज सुबह नौ बज कर 29 मिनट पर ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान पी.एस.एल.वी. सी-38 को प्रक्षेपित किया। आंध्र प्रदेश में श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से पोलर सेटेलाइट लांच ह्वीकल (पीएसएलवी-सी38) ने इनकार्टोसेट-2 सीरीज के 31 सेटेलाइट लेकर उड़ान भरी। कार्टोसेट -2 ई इस मिशन का प्रमुख उपग्रह है। अंतरिक्ष में भारत के जटिल मैपिंग उपग्रहों की श्रृंखला में यह छठा उपग्रह है।
कार्टोसेट-2 ई एक दूर संवेदी उपग्रह है, जिसमें सभी सात रंगों के प्रकाश के प्रति संवेदनशील और बहुक्षेत्रीय कैमरा लगे हैं। इनका कार्यकाल पांच वर्ष का है। कार्टोसेट-2 श्रृंखला के उपग्रहों से जुटाया गये आंकड़े शहरी और ग्रामीण योजना तैयार करने, तटीय क्षेत्रों की भूमि उपयोग नियमन, सड़क नेटवर्क की निगरानी और भौगोलिक सूचना प्रणाली अनुप्रयोगों में सहायक होंगे।
यह पीएसएलवी रॉकेट की 40वीं उड़ान है। इसरो के मुताबिक, धरती के ऑब्जरवेशन के लिए लांच किए जा रहे 712 किलोग्राम के कार्टोसेट-2 सीरीज के सेटेलाइट के साथ करीब 243 किलोग्राम के 30 अन्य सेटेलाइट को पोलर सन सिंक्रोनस ऑर्बिट (एसएसओ) में पहुंचाया जाएगा।
इनमें 14 देशों ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, चिली, चेक गणराज्य, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, लातविया, लिथुआनिया, स्लोवाकिया, ब्रिटेन और अमेरिका के 29 नैनो सेटेलाइट शामिल हैं। इसरो की व्यावसायिक शाखा एंट्रिक्स कॉरपोरेशन लिमिटेड (एंट्रिक्स) और विदेशी ग्राहकों के बीच कमर्शियल डील के तहत 29 अंतरराष्ट्रीय नैनो सेटेलाइट को लॉन्च किया जा रहा है।
-ये उसी सीरीज के सेटेलाइट जिनकी मदद से पिछले दिनों पाकिस्तान बॉर्डर पर सर्ज़िकल स्ट्राइक की थी |