केंद्र सरकार ने जीएसटी में टैक्स चोरी पर 5 साल की सजा का प्रावधान किया है. 1 जुलाई के बाद अब देश में नया टैक्स कानून लागू हो जाएगा. नया टैक्स कानून लागू होने के बाद टैक्स चोरी या फ्रॉड करने पर दोषी को जेल भी जाना पड़ सकता है.
जीएसटी मॉडल ड्राफ्ट में मिनिमन 10 हजार रुपए की पेनाल्टी लेकर 5 साल जेल तक की सजा का प्रावधान है. जेल की सजा मुकदमा चलाए जाने और आरोप सिद्ध होने के बाद ही हो सकती है.
केंद्र सरकार ने जीएसटी से जुड़े कई और कानून भी पास किए हैं. जिसके तहत आवश्यक वस्तुओं को राशनिंग करते हैं तो भी सजा का प्रावधान किया गया है.
जीएसटी मॉडल ड्राफ्ट में मिनिमन 10 हजार रुपए की पेनाल्टी लेकर 5 साल जेल तक की सजा का प्रावधान है. जेल की सजा मुकदमा चलाए जाने और आरोप सिद्ध होने के बाद ही हो सकती है.
केंद्र सरकार ने जीएसटी से जुड़े कई और कानून भी पास किए हैं. जिसके तहत आवश्यक वस्तुओं को राशनिंग करते हैं तो भी सजा का प्रावधान किया गया है.
एनवॉयस-
- जीएसटी लागू होने के बाद बिल से जुड़े काम जैसे गलत इनवॉयस को जारी करना, एन्वाइस में छेड़छाड़ करना जीएसटी के नियमों के तहत अपराध माना जाएगा.
- गलत एनवॉइस जारी करना, बिना एनवॉयस के माल की आपूर्ति करना और इनवॉयस से किसी भी व्यक्ति को लाभ पहुंचाना अपराध माना जाएगा.
- इवनॉयस का फॉर्मेट में छोटी सी गलती भी जीएसटी कानून के अंतर्गत इसको अमान्य बना देगी.
गलत जानकारी देना-
- देश भर के व्यापारियों को जीएसटी में माइग्रेट किया जा रहा है. इसके लिए दो बार जीएसटी पोर्टल खुल चुका है. तीसरी बार यह फिर से 25 जून को खुल रहा है.
- ध्यान रखें कि जीएसटी के अंतर्गत रजिस्ट्रेशन के दौरान गलत जानकारी भूलकर भी न दें और टैक्स बचाने के लिए फर्जी फाइनेंशियल रिकॉर्ड पेश न करें. माइग्रेशन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद जीएसटीआईएन जारी करने से पहले सरकार रिकॉर्ड की स्क्रूटनी कर सकती है. गलत जानकारी देना अपराध की श्रेणी में रखा गया है.
टैक्स भरने में गड़बड़ी-
जीएसटी लागू होने के बाद कोई भी व्यापारी ग्राहकों से जीएसटी कलेक्ट करके तीन महीने के भीतर सरकार के पास न जमा करना, गलत तरीके से जीएसटी पर रिफंड हासिल करना और जानबूझकर अपनी सेल्स को टैक्स बचाने के लिए छुपाना प्रमुखता अपराध की श्रेणी में शामिल है.
अधिकृत प्रपत्र बिना ट्रांसपोर्ट-
यदि आपके पास वैलिड पेपर्स (कागजात) नहीं हैं तो आप अपना सामान ट्रांसपोर्ट न करें. जीएसटी नियमों के तहत वैलिट पेपर्स के बगैर सामान को ट्रांसपोर्ट करना और जब्त सामान को नष्ट करना अपराध के श्रेणी में रखा गया है. आपको जेल जाना पड़ सकता है.
अगर व्यापारी ने जीएसटी के तहत अपना रजिस्ट्रेशन नहीं भी कराया है, तो भी जीएसटी कानून लागू होगा. टीडीएस कलेक्ट नहीं करना या तय राशि से कम कटवाना, इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर होने के बाद भी इनपुट टैक्स क्रेडिट लेना या देना और टैक्स से जुड़े अधिकारी को ड्यूटी के दौरान नुकसान पहुंचाना अपराध की श्रेणी में रखा गया है.
किस अपराध के लिए कितनी सजा-
जीएसटी लागू होने के बाद कोई भी व्यापारी ग्राहकों से जीएसटी कलेक्ट करके तीन महीने के भीतर सरकार के पास न जमा करना, गलत तरीके से जीएसटी पर रिफंड हासिल करना और जानबूझकर अपनी सेल्स को टैक्स बचाने के लिए छुपाना प्रमुखता अपराध की श्रेणी में शामिल है.
अधिकृत प्रपत्र बिना ट्रांसपोर्ट-
यदि आपके पास वैलिड पेपर्स (कागजात) नहीं हैं तो आप अपना सामान ट्रांसपोर्ट न करें. जीएसटी नियमों के तहत वैलिट पेपर्स के बगैर सामान को ट्रांसपोर्ट करना और जब्त सामान को नष्ट करना अपराध के श्रेणी में रखा गया है. आपको जेल जाना पड़ सकता है.
अगर व्यापारी ने जीएसटी के तहत अपना रजिस्ट्रेशन नहीं भी कराया है, तो भी जीएसटी कानून लागू होगा. टीडीएस कलेक्ट नहीं करना या तय राशि से कम कटवाना, इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर होने के बाद भी इनपुट टैक्स क्रेडिट लेना या देना और टैक्स से जुड़े अधिकारी को ड्यूटी के दौरान नुकसान पहुंचाना अपराध की श्रेणी में रखा गया है.
किस अपराध के लिए कितनी सजा-
- अधूरा या अपर्याप्त टैक्स भरने पर 10 हजार रुपए की पेनाल्टी या टैक्स डेफिसेट (बचा हुआ टैक्स) का 10 फीसदी जुर्माना अदा करना होगा.
- जिस काम पर पहले से पेनल्टी तय नहीं है, उस पर 25 हजार रुपए का जुर्माना का प्रावधान किया गया है.
- 25 से 50 लाख रुपए के बीच टैक्स चोरी करने पर 1 साल की जेल और जुर्माना का प्रावधान है.
- 50 लाख से लेकर 2.5 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी पर 3 साल की जेल और जुर्माना भुगतना होगा.
- 2.5 करोड़ रुपए से ज्यादा की टैक्स चोरी पर 5 साल की जेल और जुर्माना देना होगा.
काउंसिल की अगली और संभवत: अंतिम बैठक 30 जून को होनी है. जीएसटी मॉडल के तहत एक ड्रॉफ्ट तैयार किया गया है कि जो यह बताएगा कि इसके (नए अप्रत्यक्ष कर कानून) अंतर्गत क्या करना अपराध की श्रेणी में माना जाएगा.