ग्रामीण क्षेत्रों में रह रहे लोगों को कानूनी सहायता प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा 11 जून 2017 को टेली लॉ नामक सेवा आरंभ की गई. इस सेवा के तहत ग्रामीण क्षेत्रों के गरीब परिवारों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये कानूनी सहायता प्रदान की जाएगी.
यह सेवा विधि और न्याय मंत्रालय तथा इलेक्ट्रोनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय मिलकर प्रदान करेंगे. इसके लिए डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के अंतर्गत इलेक्ट्रोनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा देशभर में पंचायत स्तर पर संचालित किए जा रहे सामान्य सेवा केंद्रों (सीएससी) का इस्तेमाल किया जाएगा.
टेली लॉ के मुख्य बिंदु
• कार्यक्रम के अंतर्गत ‘टेली-लॉ’ नाम का एक पोर्टल शुरू किया जाएगा जो समूचे कॉमन सर्विस सेंटर नेटवर्क पर उपलब्ध होगा.
• यह पोर्टल प्रौद्योगिकी सक्षम प्लेटफार्मों की सहायता से नागरिकों को कानून सेवा प्रदाताओं के साथ जोड़ेगा.
• ‘टेली-लॉ’ में लोग वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सामान्य सेवा केंद्रों पर वकीलों से कानूनी सहायता प्राप्त कर सकेंगे.
• इसके अतिरिक्त लॉ स्कूल क्लिनिकों, जिला विधि सेवा प्राधिकारियों, स्वयंसेवी सेवा प्रदाताओं और कानूनी सहायता एवं अधिकारिता के क्षेत्र में काम कर रहे गैर-सरकारी संगठनों को भी सीएससीज़ के साथ जोड़ा जाएगा.
• राष्ट्रीय विधि सेवा प्राधिकरण (नाल्सा) राज्यों की राजधानियों से वकीलों का एक पैनल उपलब्ध कराएगा, जो आवेदकों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कानूनी सलाह और परामर्श प्रदान करेंगे.
टेली लॉ की आवश्यकता
भारत के कई दूर-दराज इलाकों में न्यायालय तक पहुंच काफी कठिन है. यह कार्यक्रम झारखंड और राजस्थान में कमजोर वर्गों की पहुंच न्याय तक कायम करने के लिए न्याय विभाग और संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) द्वारा चलाए जा रहे एक्सेस टू जस्टिस प्रोजेक्ट के हिस्से के रूप में तैयार किया गया है.
झारखंड में तीन जिलों के दस सामान्य सेवा केंद्रों और राजस्थान में 11 जिलों के 500 सामान्य सेवा केंद्रों के जरिए लोगों को कानूनी सहायता प्रदान की जा रही है. इसके अंतर्गत राजस्थान में 500 स्वयंसेवी विधि विशेषज्ञों को सामाजिक न्याय के कानूनों का प्रशिक्षण भी प्रदान किया गया है.
यह सेवा विधि और न्याय मंत्रालय तथा इलेक्ट्रोनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय मिलकर प्रदान करेंगे. इसके लिए डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के अंतर्गत इलेक्ट्रोनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा देशभर में पंचायत स्तर पर संचालित किए जा रहे सामान्य सेवा केंद्रों (सीएससी) का इस्तेमाल किया जाएगा.
टेली लॉ के मुख्य बिंदु
• कार्यक्रम के अंतर्गत ‘टेली-लॉ’ नाम का एक पोर्टल शुरू किया जाएगा जो समूचे कॉमन सर्विस सेंटर नेटवर्क पर उपलब्ध होगा.
• यह पोर्टल प्रौद्योगिकी सक्षम प्लेटफार्मों की सहायता से नागरिकों को कानून सेवा प्रदाताओं के साथ जोड़ेगा.
• ‘टेली-लॉ’ में लोग वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सामान्य सेवा केंद्रों पर वकीलों से कानूनी सहायता प्राप्त कर सकेंगे.
• इसके अतिरिक्त लॉ स्कूल क्लिनिकों, जिला विधि सेवा प्राधिकारियों, स्वयंसेवी सेवा प्रदाताओं और कानूनी सहायता एवं अधिकारिता के क्षेत्र में काम कर रहे गैर-सरकारी संगठनों को भी सीएससीज़ के साथ जोड़ा जाएगा.
• राष्ट्रीय विधि सेवा प्राधिकरण (नाल्सा) राज्यों की राजधानियों से वकीलों का एक पैनल उपलब्ध कराएगा, जो आवेदकों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कानूनी सलाह और परामर्श प्रदान करेंगे.
टेली लॉ की आवश्यकता
भारत के कई दूर-दराज इलाकों में न्यायालय तक पहुंच काफी कठिन है. यह कार्यक्रम झारखंड और राजस्थान में कमजोर वर्गों की पहुंच न्याय तक कायम करने के लिए न्याय विभाग और संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) द्वारा चलाए जा रहे एक्सेस टू जस्टिस प्रोजेक्ट के हिस्से के रूप में तैयार किया गया है.
झारखंड में तीन जिलों के दस सामान्य सेवा केंद्रों और राजस्थान में 11 जिलों के 500 सामान्य सेवा केंद्रों के जरिए लोगों को कानूनी सहायता प्रदान की जा रही है. इसके अंतर्गत राजस्थान में 500 स्वयंसेवी विधि विशेषज्ञों को सामाजिक न्याय के कानूनों का प्रशिक्षण भी प्रदान किया गया है.