संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) द्वारा 19 जून 2017 को सीरिया की एक शरणार्थी युवती को अपना सदभावना दूत नियुक्त किया गया है. यूनिसेफ के उप कार्यकारी निदेशक जस्टिन फोर्सिथ ने घोषणा की कि मुजून अलमेल्लहान सीरियन शरणार्थी हैं.
मुजून को यूनिसेफ का उस समय समर्थन मिला जब वह जॉर्डन के जातारी शरणार्थी शिविर में रह रही थीं. मुजून इससे गुडविल एंबेसडर रह चुकीं ऑड्रे हेपबर्न के नक्शे कदम पर चल रही हैं. गौरतलब है कि हेपबर्न की मृत्यु हो चुकी है लेकिन उन्हें भी बच्चे के तौर पर कम उम्र में यूनिसेफ से मदद मिली थी.
मुजून को यूनिसेफ का उस समय समर्थन मिला जब वह जॉर्डन के जातारी शरणार्थी शिविर में रह रही थीं. मुजून इससे गुडविल एंबेसडर रह चुकीं ऑड्रे हेपबर्न के नक्शे कदम पर चल रही हैं. गौरतलब है कि हेपबर्न की मृत्यु हो चुकी है लेकिन उन्हें भी बच्चे के तौर पर कम उम्र में यूनिसेफ से मदद मिली थी.
गुडविल एम्बेसडर घोषित होने पर मुजून ने कहा कि जब वह सीरिया से भागी थीं तो उसके पास केवल स्कूल की किताबें थीं. उन्होंने देखा कि बच्चों को जल्द शादी या शारीरिक श्रम के लिए मजबूर किया जाता है. यूनिसेफ के साथ काम करते हुए वह बच्चों के लिए आवाज उठाएंगी और उन्हें स्कूल तक लेकर जाएंगी.
यूनिसेफ ने कहा कि जॉर्डन के जातारी शरणार्थी शिविर में रहने के दौरान मुजून को एजेंसी का समर्थन मिला था. मुजून ने कहा, 'शरणार्थी होने की वजह से मैंने देखा है कि जब बच्चों को समयपूर्व विवाह में धकेल दिया जाता है या बाल श्रमिक बनाया जाता है तो उनके साथ क्या होता है.'