तकनीक के मामले में चीन विश्व के विभिन्न देशों को पीछे छोड़ता जा रहा है. तकनीक के इसी क्षेत्र में चीन ने विश्व में पहली बार अदृश्य पटरी पर ट्रेन दौड़कर विश्व को एक बार फिर अपनी तकनीक का लोहा मनवा दिया है.
अदृश्य ट्रैक अर्थात् वर्चुअल ट्रैक पर चलने वाली यह ट्रेन, इस तकनीक पर आधारित विश्व की एकमात्र ट्रेन है. चीन ने इस सेवा का नाम ऑटोनॉमस रैपिड ट्रांज़िट (ART) रखा है. इस ट्रेन का ट्रायल चीन के हुनान प्रांत के झुझोऊ प्रांत में किया गया.
वर्चुअल ट्रैक्स को रेलवे परिवहन का भविष्य भी कहा जा रहा है क्योंकि इस तकनीक से जहां उर्जा की बचत होती है वहीँ इससे कार्बन उत्सर्जन भी नहीं होता.
अदृश्य ट्रैक अर्थात् वर्चुअल ट्रैक पर चलने वाली यह ट्रेन, इस तकनीक पर आधारित विश्व की एकमात्र ट्रेन है. चीन ने इस सेवा का नाम ऑटोनॉमस रैपिड ट्रांज़िट (ART) रखा है. इस ट्रेन का ट्रायल चीन के हुनान प्रांत के झुझोऊ प्रांत में किया गया.
वर्चुअल ट्रैक्स को रेलवे परिवहन का भविष्य भी कहा जा रहा है क्योंकि इस तकनीक से जहां उर्जा की बचत होती है वहीँ इससे कार्बन उत्सर्जन भी नहीं होता.
ऑटोनॉमस रैपिड ट्रांज़िट
• 30 मीटर लंबी इस ट्रेन में इस प्रकार के सेंसर लगे हैं जो सड़क की लंबाई-चौड़ाई और विस्तार को खुद भांपकर उसके अनुसार परिचालन करने में सक्षम है.
• यह सेंसर ही ट्रेन को बिना किसी ट्रैक के अथवा बिना किसी पटरी के अपना रास्ता बनाते हुए चलने में सहायता करेंगे.
• बिना ट्रैक वाली इस ट्रेन में 307 यात्रियों के बैठने की व्यवस्था होगी.
• इसकी अधिकतम रफ्तार 70 किलोमीटर प्रति घंटा है.
• इस ट्रेन को बिजली से चार्ज किया जायेगा तथा एक बार 10 मिनट चार्ज होने के बाद यह ट्रेन 25 किलोमीटर तक दौड़ सकती है.
• चूंकि यह ट्रेन सड़क पर ही अपने लिए जगह बनाती है इसलिए इसमें स्टील के नहीं बल्कि रबर के पहिये लगे हैं.
• सुविधा के लिहाज से देखा जाये तो इसकी लगता काफी कम है. इस ट्रेन की लागत 76 करोड़ रुपये बताई जा रही है.