यूनिसेफ की रिपोर्ट के अनुसार विकसित देशों में हर पांचवां बच्चा अपने देश के दूसरे बच्चों के मुकाबले गरीब है. विकसित देशों को लेकर यूनिसेफ की रिपोर्ट में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं. इन देशों में करीब 13 प्रतिशत बच्चों की पहुंच पर्याप्त सुरक्षित और पोषक भोजन तक नहीं है. यह आंकडा अमेरिका और ब्रिटेन में 20 फीसदी तक है.
रिपोर्ट में शिक्षा, मानसिक स्वास्थ्य, शराब की लत, आर्थिक अवसर और पर्यावरण आदि मानकों पर 41 उच्च आय वाले देशों में युवाओं की स्थिति का अध्ययन किया गया.
युवाओं की स्थिति के मामले में जर्मनी और नॉर्डिक देश (आइसलैंड, स्वीडन, फिनलैंड, डेनमार्क, नार्वे) सबसे ऊपर तो रोमानिया, बुल्गारिया एवं चिली निचले पायदान पर रहे.
न्यूजीलैंड और अमेरिका क्रमश: 34वें एवं 37वें स्थान पर रहे. अमेरिका ने गरीबी, भूख, स्वास्थ्य, शिक्षा तथा असमानता के पैमाने पर खराब प्रदर्शन किया. इन देशों में भी खराब स्थिति न्यूजीलैंड में बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति सबसे खराब रही.
यहां 15 वर्ष से 19 वर्ष की उम्र में आत्महत्या की दर अन्य देशों के औसत से करीब तीन गुना ज्यादा पाई गई.
यूनिसेफ इनोसेंटी रिसर्च ऑफिस की निदेशक सारा कुक ने कहा की ऊंची आय का मतलब अपने आप बच्चों तक सब सुविधाएं पहुंचना नहीं है. यह कई बार असमानता ला सकती है. सभी देशों की सरकारों को पोषण के बीच के अंतर को कम करने के लिए जरूरी कदम उठाने चाहिए.
हालांकि सर्वे में शामिल देशों के युवाओं में मानसिक परेशानी की शिकायत और मोटापे की समस्या ब़़ढती पाई गई. सूची में ऊपर जगह पाने वाले जापान और फिनलैंड जैसे देशों में भी 15 साल की उम्र का हर पांचवां बच्चा मानक शिक्षा नहीं हासिल कर पाता है.