गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स (जीएसटी) 30 जून 2017 के आधी रात से देशभर में लागू हो गया. मोदी सरकार की यह बड़ी उपलब्धी बताया जा रहा है. इसके साथ ही वन कंट्री वन टैक्स सिस्टम देश भर में लागू हो गया. संसद के सेंट्रल हॉल में खास तैयारी की गई. इस खास मौके पर फिल्म से लेकर उद्योग जगत की कई जानी-मानी हस्तियां शामिल हुए. सबसे पहले जीएसटी पर 10 मिनट की एक फिल्म दिखाई गयी.
लोकसभा द्वारा 8 अगस्त 2016 को संविधान के 122वें (जीएसटी) संशोधन विधेयक-2014 को सर्वसम्मति से पारित किया गया था. इससे पहले वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संशोधन विधेयक 3 अगस्त 2016 को राज्यसभा में पारित किया गया था.
वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) के अन्तर्गत 1211 वस्तुओं पर टैक्स तय कर लिया गया है. जीएसटी लागू होने से सेल्स टैक्स, सर्विस टैक्स, एक्साइज ड्यूटी, वैट आदि तमाम तरह के टैक्स हटा दिए गए.
जीएसटी क्या है?
जीएसटी पूरे देश के लिए एक अप्रत्येक्ष कर है जो भारत को एकीकृत साझा बाजार बना देगा. जीएसटी विनिर्माता से लेकर उपभोक्ताष तक वस्तुवओं और सेवाओं की आपूर्ति पर एक एकल कर है. जीएसटी का पूरा नाम गुड्स एंड सर्विस टैक्स (वस्तु एंव सेवा कर) है. जीएसटी वह वैट है जिसमे वस्तुओं और सेवाओं दोनों पर ही लागू किया गया. यह केंद्र और राज्य सरकारों की तरफ से लिए जा रहे 15 से अधिक इनडायरेक्ट टैक्स के बदले में लगाया जा रहा है.
जीएसटी में टैक्स स्लैब:
जीएसटी लगने के बाद कई सेवाओं और वस्तुओं पर लगने वाले टैक्स खत्म हो गए. देश में 'वन नेशन, वन टैक्स' का कॉन्सेप्ट अमल में आ गया. जीएसटी के तहत 5%, 12%, 18% और 28% के टैक्स स्लैब बनाए गए हैं. इसके अलावा, रफ डायमंड के लिए 0.25 फीसदी और गोल्ड पर 3 फीसदी का स्पेशल रेट है. जबकि सिगरेट जैसी चीजों पर एडिशनल सेस भी लगेगा.
जीएसटी से होने वाले लाभ:
• जीएसटी लागू होने से सबसे बड़ा फायदा आम आदमी को होगा. पूरे देश में किसी भी सामान को खरीदने के लिए एक ही टैक्स चुकाना होगा। यानी पूरे देश में किसी भी सामान की कीमत एक ही रहेगी.
• जीएसटी लागू होने से टैक्स का ढांचा पारदर्शी होगा जिससे काफी हद तक टैक्स विवाद कम होंगे. इसके लागू होने से राज्यों को मिलने वाला वैट, मनोरंजन कर, लग्जरी टैक्स, लॉटरी टैक्स, एंट्री टैक्स आदि खत्म हो गए.
• जीएसटी लागू होने से निपुणता बढ़ने और कदाचार पर रोक लगने के कारण अधिकांश उपभोक्ताट वस्तुनओं पर समग्र कर भार कम होगा, जिससे उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा.
• व्यापार और उद्योग के लिए एक मजबूत और व्यापक सूचना प्रौद्योगिकी प्रणाली भारत में जीएसटी व्यवस्था की नींव होगी इसलिए पंजीकरण, रिटर्न, भुगतान आदि जैसी सभी कर भुगतान सेवाएं करदाताओं को ऑनलाइन उपलब्ध होंगी, जिससे इसका अनुपालन बहुत सरल और पारदर्शी होगा.
• व्याापार करने में लेन-देन लागत घटने से व्यापार और उद्योग के लिए प्रतिस्पर्धा में सुधार को बढ़ावा मिलेगा.
व्यापारियों पर जीएसटी का असर?
व्यापारियों को 20 लाख रुपये से कम के सालाना टर्नओवर वाले कारोबारियों के लिए खुशखबरी है, उन्हें जीएसटी की व्यवस्था से छूट दी गई है. अब तक यह छूट 10 लाख तक ही सीमित थी. अगर सालाना टर्नओवर 20 लाख रुपये से ज्यादा है तो हर हाल में रजिस्ट्रेशन कराना होगा. जिसके बाद कारोबारी को जीएसटी के तहत कच्चे माल पर मिलने वाली टैक्स छूट का फायदा मिलेगा. 75 लाख रुपये से अधिक के सालाना टर्नओवर वाले ट्रेडर्स, मैन्युफैक्चरर्स और रेस्तरां कंपोजिशन स्कीम के तहत क्रमश: 1, 2 और 5 फीसदी अदा कर सकते हैं. हालांकि इन बिजनैस को इनपुट टैक्स क्रेडिट नहीं मिल सकेगा.
केंद्रीय कर:
• सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी
• एडीशनल एक्साइज ड्यूटी
• स्पेशल एडीशनल ड्यूट ऑफ कस्टम्म्स
• मेडिसिनल एंड टॉयलेट प्रिपरेशंस (एक्साइज ड्यूटी) एक्ट 1955 के तहत एक्साइज ड्यूटी
• सर्विस टैक्स
• एडीशनल कस्टम्स ड्यूटी
• सेंट्रल सरचार्ज व सेस
• सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी
• एडीशनल एक्साइज ड्यूटी
• स्पेशल एडीशनल ड्यूट ऑफ कस्टम्म्स
• मेडिसिनल एंड टॉयलेट प्रिपरेशंस (एक्साइज ड्यूटी) एक्ट 1955 के तहत एक्साइज ड्यूटी
• सर्विस टैक्स
• एडीशनल कस्टम्स ड्यूटी
• सेंट्रल सरचार्ज व सेस
राज्य कर:
• वैल्यू एडेड टैक्स (वैट)/ सेल्स टैक्स
• लॉटरीज, बेटिंग व गैम्बिलिंग पर कर
• एंटरटेनमेंट टैक्स
• सेंट्रल सेल्स टैक्स
• ऑक्ट्रॉय व एंट्री टैक्स
• परचेज टैक्स
• लग्जरी टैक्स
• स्टेट सेस व सरचार्ज
• लॉटरीज, बेटिंग व गैम्बिलिंग पर कर
• एंटरटेनमेंट टैक्स
• सेंट्रल सेल्स टैक्स
• ऑक्ट्रॉय व एंट्री टैक्स
• परचेज टैक्स
• लग्जरी टैक्स
• स्टेट सेस व सरचार्ज
81 प्रतिशत वस्तुओं पर जीएसटी की दर 18 प्रतिशत या उससे कम है.