गणतंत्र दिवस 2018 के अवसर पर भारत की ओर से 10 आसियान देशों के प्रमुखों को बतौर मुख्य अतिथि बुलाया जा सकता है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार भारत इन सभी देशों के राष्ट्र प्रमुखों को मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाने के लिए योजना तैयार कर रहा है.
एक्ट ईस्ट नीति की इस कूटनीति द्वारा चीन पर दबाव बनाया जा सकता है. यदि ऐसा हुआ तो भारत पहली बार गणतंत्र दिवस 2018 के मौके पर 10 देशों के राष्ट्राध्यक्षों को एक मंच पर बुलाएगा.
एक्ट ईस्ट नीति की इस कूटनीति द्वारा चीन पर दबाव बनाया जा सकता है. यदि ऐसा हुआ तो भारत पहली बार गणतंत्र दिवस 2018 के मौके पर 10 देशों के राष्ट्राध्यक्षों को एक मंच पर बुलाएगा.
आसियान (एसोसिएशन ऑफ साउथ ईस्ट एशियन नेशंस) देशों में ब्रूनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम शामिल हैं. वर्ष 2014 में मोदी सरकार के सत्ता संभालने के बाद लुक ईस्ट नीति को एक्ट ईस्ट नीति में तब्दील किया गया.
गौरतलब है कि भारत और आसियान देशों ने वर्ष 2012 से संबंधों को नई दिशा प्रदान की है. बीजेपी शासित केंद्र सरकार ने इस साझेदारी को आगे बढ़ाते हुए रक्षा और सुरक्षा के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने की पहल की थी. इस मुद्दे पर भारत को वियतनाम का भरपूर सहयोग मिला है.
यह भी ध्यान दिए जाने योग्य है कि भारत और आसियान देशों के संबंधों को 25 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं. इसके अलावा 15 वर्ष आसियान देशों के सम्मेलन स्तर के संबंधों को हो रहे हैं जबकि पांच साल कूटनीतिक संबंधों के पूरे हो रहे हैं. इस मौके पर भारत में और आसियान देशों में स्थित उच्चायोग में कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे.
आसियान
दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का संगठन (आसियान) दस दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों का समूह है जो आपस में आर्थिक विकास और समृद्धि को बढ़ावा देने और क्षेत्र में शांति और स्थिरता कायम करने के लिए भी कार्य करते हैं.
इसका मुख्यालय इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में है. आसियान की स्थापना 8 अगस्त, 1967 को थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में की गई थी. इन देशों के समूह का उद्देश्य सदस्य देशों की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और स्वतंत्रता को कायम रखना तथा झगड़ों का शांतिपूर्ण निपटारा है.