राज्य में प्रतिभावान छात्रों को उच्च शिक्षा सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से उत्तराखंड सरकार ने 06 जुलाई 2017 को सुपर 30 योजना आरंभ करने की घोषणा की. सुपर 30 योजना के अंतर्गत तीस मेधावी छात्र-छात्राओं को आईआईटी जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में दाखिले के लिए नि:शुल्क तैयारी करवाने के लिए राज्य सरकार द्वारा यह योजना आरंभ की गई है.
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की उपस्थिति में उच्च शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. धनसिंह रावत ने हिमालयन यूनिवर्सिटी (जौलीग्रांट) में आयोजित एक कार्यक्रम में राज्य सरकार के महत्वपूर्ण निर्णयों से अवगत कराया. उन्होंने बताया कि इस योजना में राज्य के प्रत्येक जिले में एक महाविद्यालय चुना जाएगा, जहां सिविल सेवा जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के इच्छुक छात्रों को राज्य सरकार द्वारा कोचिंग उपलब्ध करवाई जाएगी.
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की उपस्थिति में उच्च शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. धनसिंह रावत ने हिमालयन यूनिवर्सिटी (जौलीग्रांट) में आयोजित एक कार्यक्रम में राज्य सरकार के महत्वपूर्ण निर्णयों से अवगत कराया. उन्होंने बताया कि इस योजना में राज्य के प्रत्येक जिले में एक महाविद्यालय चुना जाएगा, जहां सिविल सेवा जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के इच्छुक छात्रों को राज्य सरकार द्वारा कोचिंग उपलब्ध करवाई जाएगी.
मुख्य बिंदु
• उत्तराखंड सरकार द्वारा यह निर्णय लिया गया कि प्रत्येक वर्ष सौ मेधावी परास्नातक छात्रों को पीएचडी के लिए चुना जाएगा तथा उन्हें आर्थिक सहायता की जाएगी.
• सभी महाविद्यालयों में तिरंगा फहराना, राष्ट्रगीत तथा राष्ट्रगान लागू कर दिया गया है. तैंतीस महाविद्यालयों ने प्रसन्नता से ड्रेस कोड को अपना लिया है.
• हर कॉलेज में शौर्य दीवार का निर्माण किया जाएगा जिससे छात्र अपने वीर जवानों से परिचित हों तथा प्रेरणा लें.
• उच्च शिक्षा राज्यमंत्री के अनुसार उत्तराखंड निवासी प्रतिशत साक्षर राज्य है परंतु आज भी ग्यारह प्रतिशत लोग अशिक्षित है. अत: मेधावी छात्रों को इस दिशा में योगदान देना होगा.
इसके अतिरिक्त कार्यक्रम में मेधावी छात्र-छात्राओं को सम्मानित करते हुए मुख्यमंत्री ने युवाओं से कहा कि जिस प्रकार हमारी परंपरा में पित्रों के ऋण को चुकाने की बात है, उसी प्रकार शिक्षित तथा सफल होने के बाद हमें गुरजनों तथा शिक्षा का ऋण समाज के अन्य अशिक्षित लोगों को शिक्षित कर चुकाना चाहिए.
• उत्तराखंड सरकार द्वारा यह निर्णय लिया गया कि प्रत्येक वर्ष सौ मेधावी परास्नातक छात्रों को पीएचडी के लिए चुना जाएगा तथा उन्हें आर्थिक सहायता की जाएगी.
• सभी महाविद्यालयों में तिरंगा फहराना, राष्ट्रगीत तथा राष्ट्रगान लागू कर दिया गया है. तैंतीस महाविद्यालयों ने प्रसन्नता से ड्रेस कोड को अपना लिया है.
• हर कॉलेज में शौर्य दीवार का निर्माण किया जाएगा जिससे छात्र अपने वीर जवानों से परिचित हों तथा प्रेरणा लें.
• उच्च शिक्षा राज्यमंत्री के अनुसार उत्तराखंड निवासी प्रतिशत साक्षर राज्य है परंतु आज भी ग्यारह प्रतिशत लोग अशिक्षित है. अत: मेधावी छात्रों को इस दिशा में योगदान देना होगा.
इसके अतिरिक्त कार्यक्रम में मेधावी छात्र-छात्राओं को सम्मानित करते हुए मुख्यमंत्री ने युवाओं से कहा कि जिस प्रकार हमारी परंपरा में पित्रों के ऋण को चुकाने की बात है, उसी प्रकार शिक्षित तथा सफल होने के बाद हमें गुरजनों तथा शिक्षा का ऋण समाज के अन्य अशिक्षित लोगों को शिक्षित कर चुकाना चाहिए.