रेल मंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने 12 जुलाई 2017 को रेलवे की विभिन्न पहलों की शुरूआत की है. रेल मंत्रालय ने अपने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम, रेलटेल कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के सहयोग से रेल क्लाउड परियोजना शुरू की है.
इस अवसर पर रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि समूची रेल प्रणाली को समन्वित डिजिटल मंच पर लाने के प्रयास किए जा रहे हैं. रेलवे के डिजिटलीकरण की दिशा में रेल क्लाउड एक अन्य कदम है. रेल क्लाउड लोकप्रिय क्लाउड कम्प्यूटिंग प्रणाली पर कार्य करता है. लोगों का अनुमानित जीवन काल बढ़ने के कारण स्वास्थ्य संबंधित अनेक समस्याएं पैदा होती है इस योजना से रेलवे कर्मचारियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकेंगी.
शुरू की गई पहल की मुख्य विशेषताएं:
रेल क्लाउड:
भारतीय रेलवे ने रणनीतिक आईटी पहल की है, जिसका उद्देश्य ग्राहक की संतुष्टि में सुधार करना, राजस्व बढ़ाना और प्रभावी, कुशल और सुरक्षित संचालन करना है. रेलवे के लिए एकल डिजिटल मंच के लक्ष्य को हासिल करने के लिए कुछ मौलिक परियोजनाओं को लागू करना जरूरी था और रेल क्लाउड की स्थापना इस तरह की परियोजना है. क्लाउड कम्प्यूटिंग तेजी से और मांग पर सर्वर संसाधनों को स्थापित करने के लिए उभरती हुई प्रौद्योगिकी है जिसके परिणामस्वरूप लागत कम होती है. रेल क्लाउड चरण-1 को 53.55 करोड़ रुपये की लागत पर मंजूरी दी गई.
रेल क्लाउड लागू होने के बाद रेलवे को होने वाले संभावित लाभ:
• रेल क्लाउड एप्लीकेशन के तेजी से फैलाव का मार्ग प्रशस्त करेगा, साथ ही क्लाउड हार्डवेयर और परिवेश नए एप्लीकेशन के परीक्षण के लिए उपलब्ध होगा.
• क्लाउड में सर्वर के संसाधन उपयोगकर्ताओं की संख्या के अनुसार ऊपर-नीचे होते है इससे ग्राहकों को बेहतर अनुभव मिलेगा.
• इस प्रौद्योगिकी से उपलब्ध सर्वर और स्टोरेज का अधिकतम इस्तेमाल हो सकेगा, जिसके परिणामस्वरूप उसी सर्वर की जगह पर अधिक आंकड़े और अधिक एप्लीकेशन समा सकेंगे.
• सर्वर और स्टोरेज बुनियादी ढांचा जरूरत के अनुसार लगाया जाएगा, जिससे रेलवे की बचत होगी और जरूरत पड़ने पर मंहगे सर्वर की खरीद पर धनराशि खर्च करने की बजाए इसका इस्तेमाल किया जा सकेगा.
• रेलवे के पास उपलब्ध वर्तमान संसाधनों को रेल क्लाउड में मिला दिया जाएगा, ताकि नए संसाधन प्राप्त करने में होने वाले खर्च को कम किया जा सके.
• सर्वर और स्टोरेज की जगह मांग के अनुसार ऊपर-नीचे होगी, इससे सिस्टम अधिक मांग वाले घंटों में कम खर्च के साथ मांग को पूरा कर सकेगा.
• यह क्लाउड सरकार के नवीनतम दिशा-निर्देशों के अनुसार सुरक्षा विशेषताओं से लैस होगा. सुरक्षा विशेषताओं को क्लाउड में मौजूद सभी एप्लीकेशनों के लिए अद्यतन किया जा सकता है इसके परिणामस्वरूप अधिक सुरक्षा और स्थिरता कम खर्च में मिल सकेगी.
आपात स्थिति में कैशलैस इलाज योजना (सीटीएसई):
• रेलवे स्वास्थ्य संस्थानों, रेफरल और मान्यता प्राप्त अस्पतालों के जरिए अपने कर्मचारियों को विस्तृत स्वास्थ्य सेवा सुविधा प्रदान करती है. लाभ लेने वालों में उसके सेवानिवृत्त कर्मचारी और उनके परिवार के सदस्य होते है. बड़ी संख्या में सेवानिवृत्त लाभार्थी विभिन्न शहरों के नव-विकसित उप-नगरों में रहते है.
• शहर के यह हिस्से अक्सर रेलवे स्वास्थ्य संस्थानों से दूर होते है आपात स्थिति में ऐसे लाभार्थियों के स्वर्णिम घंटे यात्रा में बर्बाद हो जाते है.
• सेवानिवृत्त कर्मचारियों को स्वर्णिम घंटे में तत्काल चिकित्सा प्रदान करने के लिए रेलवे बोर्ड ने अपने सेवानिवृत्त कर्मचारियों और उनके आश्रितों के लिए सूची में सम्मिलित अस्पतालों में आपात स्थिति में कैशलैस इलाज की योजना शुरू की है.
• निजी अस्पतालों और रेलवे अधिकारियों के बीच एक वेब आधारित संचार प्रणाली विकसित की गई है जिसमें लाभार्थी की पहचान आधार सर्वर में दर्ज बायोमीट्रिक का इस्तेमाल करते हुए स्थापित की जाएगी, पात्रता रेलवे डेटाबेस का इस्तेमाल करते हुए पता लगाई जाएगी तथा आपात स्थिति की पुष्टि निजी अस्पताल की क्लिनिकल रिपोर्ट के आधार पर रेलवे चिकित्सा अधिकारी द्वारा की जाएगी.
• पूरी प्रणाली ऑनलाइन है और बिल भी ऑनलाइन तैयार होगा. इस योजना से जरूरत के समय सेवानिवृत्त रेलवे कर्मचारियों को मदद मिलेगी.
• वर्तमान में यह योजना चार महानगरों दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई में शुरू की गई है. इस शहरों के अनुभव के आधार पर इस योजना को पूरे देश में लागू किया जा सकता है.
निवारण- शिकायत पोर्टल रेल क्लाउड पर पहला आईटी एप्लीकेशन:
• निवारण- शिकायत पोर्टल रेल क्लाउड पर पहला आईटी एप्लीकेशन है. यह वर्तमान और पूर्व रेलवे कर्मचारियों की शिकायतों के समाधान के लिए मंच है.
• वर्तमान एप्लीकेशन को परम्परागत सर्वर में डाला गया है. इससे राजस्व की बचत होगी और साथ ही उपयोगकर्ता को बेहतर अनुभव मिलेगा.