रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने 14 जुलाई 2017 को भारत की पहली सौर उर्जा संचालित डीएमयू (डीजल मल्टीपल यूनिट) रेल को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इस ट्रेन का परिचालन 15 जुलाई से शुरू हो जाएगा.
यह ट्रेन दिल्ली के सराय रोहिल्ला स्टेशन से हरियाणा के फर्रुखनगर तक चलेगी. रेल मंत्रालय का कहना है कि यह ट्रेन पूरी तरह से एन्वॉयरमेंट फ्रेंडली है जिससे रेलवे को वित्तीय लाभ भी होगा.
यह ट्रेन दिल्ली के सराय रोहिल्ला स्टेशन से हरियाणा के फर्रुखनगर तक चलेगी. रेल मंत्रालय का कहना है कि यह ट्रेन पूरी तरह से एन्वॉयरमेंट फ्रेंडली है जिससे रेलवे को वित्तीय लाभ भी होगा.
मुख्य बिंदु
• इस ट्रेन में 10 कोच हैं जिसमें दो मोटर और 08 पैसेंजर कोच हैं.
• ट्रेन के एक कोच में 89 लोगों के बैठने की व्यवस्था है.
• डीएमयू के प्रत्येक कोच में 300 वाट के 16 सोलर पैनल लगाए गये हैं.
• इस सोलर पैनल से पैदा होने वाली बिजली को बैटरी में स्टोर किया जाएगा. इस बिजली का इस्तेमाल रात को ट्रेन में बल्बो जलाने और फैन चलाने के लिए किया जाएगा.
• इस रेल को बनाने की कुल लागत 13.54 करोड़ रुपये है. इसके प्रत्येक पैसेंजर कोच के निर्माण में 01 करोड़ रुपये की लागत आई है.
• मोटर कोच के निर्माण में करीब 2.5 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. इसके अतिरिक्त प्रत्येचक कोच में लगे सोलर पैनल पर 9 लाख रुपये खर्च हुए हैं.
लाभ
इस रेल का निर्माण चेन्नई के इंटेगरल कोच फैक्टरी में किए गया है. सौर उर्जा चालित इस रेल के प्रत्येक कोच से प्रतिवर्ष 12 लाख रुपये के डीजल की बचत होगी. इसके अतिरिक्त प्रत्येक वर्ष 9 टन कार्बन डाइऑक्साइड कम उत्सर्जित होगा. सबसे महत्वपूर्ण रेलवे मंत्रालय को प्रत्येक वर्ष लगभग 672 करोड़ रुपये की बचत होगी.