रिलायंस जियो इंफोकॉम लिमिटेड ने एक नया सबमरीन केबल सिस्टम, एशिया-अफ्रीका-यूरोप (AAE-1) लॉन्च किया है, जो फ्रांस से हांगकांग तक 25,000 किलोमीटर लंबा है.
जियो के अध्यक्ष मैथ्यू ओमेन के अनुसार नई टेराबाइट क्षमता और ग्लोबल कंटेंट हब तथा इंटरकनेक्शन प्वाइंट से 100 जीबीपीएस डायरेक्ट कनेक्टीविटी यह सुनिश्चित करेगी कि जियो लगातार अपने ग्राहकों को हाई स्पीड इंटरनेट और डिजिटल सर्विस अनुभव प्रदान करती रहेगी.
एशिया-अफ्रीका-यूरोप (AAE-1) सबसे लंबा 100 जीबीपीएस टेक्नोलॉजी आधारित सबमरीन सिस्टम है. वर्तमान में भारत का डाटा ट्रैफिक लगातार बढ़ रहा है.
एशिया-अफ्रीका-यूरोप (AAE-1) सबसे लंबा 100 जीबीपीएस टेक्नोलॉजी आधारित सबमरीन सिस्टम है. वर्तमान में भारत का डाटा ट्रैफिक लगातार बढ़ रहा है.
इस परियोजना में एशिया (हांगकांग और सिंगापुर) में प्वाइंट्स ऑफ प्रेजेंस (पीओपी) के साथ और यूरोप (फ्रांस, इटली और ग्रीस के जरिये) में तीन कनेक्टीविटी ऑप्शन मिलेंगे.
एशिया-अफ्रीका-यूरोप (AAE-1) के बारे में-
- एशिया-अफ्रीका-यूरोप (AAE-1) भारत में वीडियो केंद्रित बैंडविथ उपलब्ध कराएगा.
- यह बैंडविथ सभी प्रकार के कम्यूनिकेशन, एप्लीकेशन और कंटेंट को सपोर्ट करेगा.
- पूरे ग्लोबल मार्केट में सीधी पहुंच प्रदान करने हेतु एशिया-अफ्रीका-यूरोप (AAE-1) आराम से अन्य केबल सिस्टम और फाइबर नेटवर्क से लिंक हो जाएगा.
- इसके एडवांस डिजाइन और रूट के कारण एशिया-अफ्रीका-यूरोप (AAE-1) हांगकांग, भारत, मध्य पूर्व और यूरोप के बीच सबसे निम्न लैटेंसी रूट उपलब्ध कराएगा.
- जियो एशिया-अफ्रीका-यूरोप (AAE-1) Cable System को नेटवर्क ऑपरेशन और मैनेजमेंट उपलब्ध करवा रहा है.
- एशिया-अफ्रीका-यूरोप (AAE-1) का नेटवर्क ऑपरेशन सेंटर नवी मुंबई में स्थित है, जिसका प्रबंधन रिलायंस जियो के हाथों में है.