निर्देश (1-5) : नीचे दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए. कुछ शब्दों को मोटे अक्षरों में मुद्रित किया गया है, जिससे आपको कुछ प्रश्नों के उत्तर देने में सहायता मिलेगी. दिए गए विकल्पों में से सबसे उपयुक्त का चयन कीजिए.
स्वामी विवेकानन्द ने भारक के पुनर्निर्माण में कार्यरत् मनुष्य के लिए जिन मुख्य बातों पर बल दिया था, वे हैं-चरित्र, आध्यात्मिकता, आत्मविश्वास और अन्ततः सबके प्रति प्रेम, विशेषतः दरिद्र, अशिक्षित तथा पद-दलितों के लिए. यह कार्य वास्तव में महान् है, किन्तु दृढ़ इच्छा के सामने कुछ नहीं टिक सकता.
भारतीयों में भारत माता के प्रति देश-भक्ति की भावना जाग्रत करने के लिए स्वामी विवेकानन्द ने कहा था, ‘‘तुम मत भूलना कि तुम्हारी स्त्रियों का आदर्श सीता, सावित्री, दमयन्ती हैं ........... मत भूलना कि तुम्हारा जीवन अपने व्यक्तिगत सुख के लिए नहीं है- मत भूलना कि नीच, अज्ञानी, दरिद्र तुम्हारा रक्त और तुम्हारे भाई हैं’’.
पं. जवाहरलाल नेहरू का कथन स्मरणीय है, जो उन्होंने एक बार स्वामी विवेकानन्द को श्रद्धांजलि देते हुए कहा था- ’’अतीत में संलग्न तथा भारतीय धरोहर के प्रति गर्व से परिपूर्ण होते हुए भी विवेकानन्द जीवन की समस्याओं के प्रति आधुनिक धारणा रखते थे तथा भार के अतीत एवं वर्तमान के मध्य सेतु की भाँति थे.’’ ‘प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से उन्होंने आज के भारत को अत्यन्त प्रभावित किया है. हमारी युवा पीढ़ी स्वामीजी से लाभान्वित होगी, जिनकी वाणी प्रज्ञा एवं शक्ति से ओतप्रोत है.’’
स्वामीजी ने एक अधैर्यवान शिष्य को समझाया कि ‘‘श्रद्धावान बन, वीर्यवान बन, आत्मज्ञान प्राप्त कर. यही मेरी इच्छा एवं आशीर्वाद है’’. श्रद्धा का अभिप्राय कई बातों से है. पहली है आत्मश्रद्धा (आत्मविश्वास), दूसरी है हमारी सांस्कृतिक धरोहर के प्रति श्रद्धा. ‘‘हमारी मातृभूमि का केंद्र, प्राण-पखेरू धर्म में तथा केवल धर्म में ही है- मातृ देवो भव, पितृ देवो भव, आचार्य देवो भव-इन पर श्रद्धा, वीर्यवान भव’’ - ’’तुम्हारे अन्दर पूर्ण शक्ति निहित है- तुम सब कुछ करने में समर्थ हो. इस शक्ति को पहचानो. उठो और अपना अन्तस्थ ब्रह्मभाव अभिव्यक्त करो............वीर बनो. मानव केवल एक बार ही मरता है. सारी शक्ति तुम्हारे अन्दर है. बल ही जीवन है, दुर्बलता मृत्यु...........शैशव से ही तुम्हारे मस्तिष्क में सकारात्मक, सशक्त एवं परोपकारी विचार प्रविष्ट होने चाहिए’’.
1. जीवन अपने ‘व्यक्तिगत सुख के लिए न होने’ से स्वामीजी का क्या अभिप्राय है?
(a)दूसरों का जीवन सुखी बनाना
(b)अपने सुख की अपेक्षा निर्बल एवं दरिद्र देशवासियों को सुखी रखने का प्रयास करना
(c)देशभक्त का जीवन दुःखदायी होना
(d)देशभक्त का सुखी न होना
(e)इनमें से कोई नहीं
2. विवेकानन्द अतीत एवं वर्तमान के मध्य सेतु की भाँति थे, क्योंकि वे-
(a)भारतीय संस्कृति पर गर्व करते हुए भी आधुनिक विचारधारा का यथावश्यक लाभ उठाने में तत्पर रहते थे.
(b)पुरातन एवं आधुनिक विचाराधारा का सहअस्तित्व चाहते थे.
(c)बीते हुए समय की तथा वर्तमान समस्याओं को एक नजर से देखते थे.
(d)चाहते थे कि हम आज की समस्याओं तथा पिछली बातों में समन्वय करें.
(e)इनमें से कोई नहीं
3. ‘अन्तस्थ ब्रह्मभाव की अभिव्यक्ति है’ से अभिप्रेत है-
(a)मन में ब्रह्म के विषय में विचार लाना
(b)परमात्मा को बाहर खोजने की अपेक्षा अपने ही अन्दर उस सर्वशक्तिमान का अनुभव करना
(c)भगवान को अपना सहयोगी समझना
(d)भगवान को पूरे मन से पुकारना
(e)इनमें से कोई नहीं
4. स्वामीजी ने पुनर्निर्माण कार्य हेतु कार्यकर्ताओं के गुणों पर ध्यान दिया क्योंकि वे-
(a)ऐसे कार्यकर्ताओं से परिचित थे
(b)पुनर्निर्माण के कार्य में सफलता हेतू कार्यरत् व्यक्ति में इन गुणों का होना परम आवश्यक समझते थे
(c)स्वयं ऐसे गुणवान थे
(d)अपने सहयोगियों पर विशेष ध्यान रखते थे
(e)इनमें से कोई नहीं
5. स्वामीजी पुनर्निर्माण कार्यरत् व्यक्ति में किस गुण का होना परम आवश्यक मानते थे?
(a)चरित्र-निर्माण
(b)शिक्षा-प्रसार में रूचि
(c)सबके प्रति प्रेम
(d)दृढ़ इच्छा
(e)इनमें से कोई नहीं
निर्देश (6-10) : नीचे दिए गए प्रत्येक प्रश्न में एक रिक्त स्थान दिया गया है और उसके नीचे पांच शब्द दिए गए हैं. इनमें से कोई एक उस रिक्त स्थान पर रख देने से वह वाक्य एक अर्थपूर्ण वाक्य बन सकता हैं, सही शब्द ज्ञातकर उसके क्रमांक को उत्तर के रूप में अंकित कीजिए, दिए गए शब्दों में से सर्वाधिक उपयुक्त शब्द का चयन कीजिये.
आपको जिन बातों से भय लगता है, उससे बचते रहने का ...........(6)............दुःखद हो सकता है. भयावह लगने वाली परिस्थितियों के सामने .............(7)........... खड़े हो जाने में ही बुद्धिमानी होती है. वास्तव में इस बात की भी पूरी ...........(8)........... है कि स्थिति उतनी मुश्किल न हो जितनी आप उसे मान बैठे थे, या फिर सम्भव है कि स्थिति सचमुच ही ............. (9)..........हो, तब, आपको यह तो पता चल जाएगा कि उससे कैसे ...............(10)............ है.
6. (a)परिमाण
(b)प्रणाम
(c)परिणाम
(d)प्रमाण
(e)इनमें से कोई नहीं
7. (a)सटकर
(b)डटकर
(c)हटकर
(d)कटकर
(e)इनमें से कोई नहीं
8. (a)विभावना
(b)प्रस्तावना
(c)सद्भावना
(d)संभावना
(e)इनमें से कोई नहीं
9. (a)जटिल
(b)कुटिल
(c)चोटिल
(d)बोझिल
(e)इनमें से कोई नहीं
10. (a)सिमटना
(b)लिपटना
(c)निपटना
(d)चिटकना
(e)इनमें से कोई नहीं
निर्देश (11-15) : नीचे दिए गए प्रश्नों में छः कथन दिए गए हैं. जिनमे पहले और अंतिम वाक्य को क्रमशः 1 और 6 संख्या दी गयी है. इसके मध्यवर्ती वाक्यों को चार भागो में विभाजित किया गया है. यह चारो वाक्य व्यवस्थित क्रम में नहीं है. इन्हें ध्यान से पढ़ कर दिए गए विकल्पों में से उचित क्रम का चयन कीजिये.
11. (1)आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी
(य)और नवयुग की चेतना लेकर निबन्ध के
(र)एवं विचारात्मक कोटियों में रखे जा सकते हैं जो
(ल)प्राचीन सांस्कृतिक परम्परा का गम्भीर ज्ञान
(व)क्षेत्र में अवतरित हुए तथा इनके निबन्ध भावात्मक
(6) इनके व्यक्तित्व की छाप लिए हुए हैं।
(a)व र ल य
(b)य र ल व
(c)र व य ल
(d)ल य व र
(e)इनमें से कोई नहीं
12. (1)जाति देश और काल की सीमाओं में
(य)साहित्यिक मूल्यांकन प्रस्तुत करेंगे, तो
(र)सामयिक आवश्यकता-रागात्मक एकता
(ल)साहित्य के उद्देश्य तथा
(व)बँधे रहकर यदि हम
(6)से ही दूर जा पड़ेंगे।
(a)व य ल र
(b)ल र य व
(c)व र ल य
(d)य ल र व
(e)इनमें से कोई नहीं
13. (1)सच्ची बात तो यह है कि
(य)वह अपना मनोरंजन संगीत और अभिनय जैसे
(र)किसी भी युग का प्राणी ऐसा नीरस
(ल)आनन्ददायक साधनों के
(व)और हृदयहीन नहीं होता कि
(6)द्वारा नहीं करता।
(a)य र ल व
(b)र व य ल
(c)ल व र य
(d)व र ल य
(e)इनमें से कोई नहीं
14. (1)बहुत दिनों की इच्छा
(य)अभी तक पूरी नहीं हुई
(र)ठीक जिसके चरित में
(ल)एक मानव-चरित लिखूँ
(व)चरित नायक नहीं मिल रहा था
(6)नायकत्व प्रधान हो।
(a)य ल व र
(b)ल र व य
(c)र ल व य
(d)व य र ल
(e)इनमें से कोई नहीं
15. (1)स्वप्न में देखा
(य)आकाश की नीली, लता में सूर्य, चन्द्र और ताराओं के फूल
(र)पृथ्वी की लता पर पृथ्वी के फूल
(ल)हाथ जोड़े खिले हुए एक अज्ञात शक्ति की समीर से हिल रहे हैं
(व)हाथ जोड़े आकाश को
(6)नमस्कार कर रहे हैं।
(a)र ल य व
(b)ल य र व
(c)र व य ल
(d)य ल र व
(e)इनमें से कोई नहीं
Solution
S1. Ans.(b)
S2. Ans.(a)
S3. Ans.(b)
S4. Ans.(b)
S5. Ans.(d)
S6. Ans.(c)
S7. Ans.(b)
S8. Ans.(d)
S9. Ans.(a)
S10. Ans.(c)
S11. Ans.(d)
S12. Ans.(a)
S13. Ans.(b)
S14. Ans.(a)
S15. Ans.(d)