Current Affairs : 26-10-2017

1) केन्द्र सरकार ने देश में नई सड़कों का संजाल बिछाने के लिए कितना धन व्यय करने की घोषणा 24 अक्टूबर 2017 को की जोकि देश में अब तक सड़क निर्माण पर आवंटित किया गया सबसे बड़ा एकल आवंटन है? – 6,92,000 करोड़ रुपए
विस्तार: केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अगले 5 सालों में देश में किलोमीटर लम्बी सड़कों का नया संजाल बिछाने की घोषणा 24 अक्टूबर 2017 को की तथा इसके लिए कुल 6.92 ट्रिलियन रुपए (6,92,000 करोड़ रुपए) व्यय करने की घोषणा भी की। इस ऐतिहासिक सड़क निर्माण कार्यक्रम की धुरी मोदी सरकार की नई
“भारतमाला” परियोजना (“Bharatmala” Project) होगी जिसके तहत 34,800 किलोमीटर सड़कें बनेंगी तथा कुल 5.35 लाख करोड़ रुपया इस पर व्यय होगा। वहीं सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) देश भर में 48,877 किलोमीटर लम्बी सड़के बनाने में 1.57 लाख करोड़ रुपए व्यय करेगा।
 केन्द्र सरकार की इस महात्वाकांक्षी सड़क निर्माण योजना के लिए आवंटित 6.92 लाख करोड़ रुपए देश में अब तक सड़क निर्माण पर आवंटित किया गया सबसे बड़ा एकल आवंटन है। इससे 14.2 करोड़ श्रम दिवस रोजगार (142 million man-days of jobs) पैदा होने का अनुमान है।
 उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार ने यह घोषणा देश भर में जीएसटी (GST) लागू करने के बाद की है जिसका एक उद्देश्य पूरे देश में अंतर-राज्यीय बंदिशों (inter-state tariff barriers) को समाप्त कर एक एकल बाजार (common market) व्यवस्था की स्थापना करना है। सड़कों के इस संजाल से सरकार को एकल बाजार की विचारधारा को फलीभूत करने में मदद मिलेगी जबकि दूसरी ओर अर्थव्यवस्था को पुन: पटरी पर लाने की कोशिशों को बल मिलेगा।
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2) केन्द्रीय वित्त मंत्रालय ने बुरे ऋण की समस्या से जूझ से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के पुनर्पूंजीकरण (Recapitalization) के लिए कितना धन आवंटित करने की घोषणा 24 अक्टूबर 2017 को की? – 2.11 लाख करोड़ रुपए
विस्तार: केन्द्रीय वित्त मंत्रालय ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (public sector banks) के पुनर्पूंजीकरण (Recapitalization) के लिए 2.11 लाख करोड़ रुपए आवंटित करने की घोषणा 24 अक्टूबर 2017 को की। इस भारी-भरकम आवंटन के साथ केन्द्र सरकार एक तरफ बुरे ऋण (bad debts) की समस्या से जूझ रहे बैंकों को अपना आधार मजबूत करने में मदद करेगी तो दूसरी ओर इससे निजी क्षेत्र में निवेश को गति देने का प्रयास किया जायेगा।
 2.11 लाख करोड़ के इस आवंटन में से 1.35 लाख करोड़ रुपए पुनर्पूंजीकरण बाण्ड (recapitalization bonds) जारी कर प्राप्त किए जायेंगे जबकि शेष बैंकों के निवेश से सम्बन्धित इन्द्रधनुष (Indradhanush) योजना के तहत उपलब्ध कराए जायेंगे। वित्त मंत्रालय प्रयास करेगा कि अर्ह तथा सही जरूरत वाले बैंकों को पर्याप्त धन उपलब्ध कराया जाए।
 इस पुनर्पूंजीकरण के साथ केन्द्र सरकार निजी क्षेत्र के निवेश चक्र को एक बार फिर गति देने का इरादा रखती है। उल्लेखनीय है कि भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार जून 2017 तिमाही में 5.7% थी जोकि पिछले तीन वर्षों की सबसे कम विकास दर है।

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3) सुप्रसिद्ध हिन्दुस्तानी शास्त्रीय गायिका गिरिजा देवी (Girija Devi) का 24 अक्टूबर 2017 को 88 वर्ष की आयु में कोलकाता के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। सेनिया और बनारस घरानों से सम्बन्ध रखने वाली गिरिजा को हिन्दुस्तानी शास्त्रीय गायन की किस विधा के लिए सर्वाधिक ख्याति हासिल हुई थी? – ठुमरी (Thumri)
विस्तार: गिरिजा देवी को अपनी शानदार ठुमरियों के लिए अक्सर “ठुमरी क्वीन” (Thumri Queen) के नाम से सम्बोधित किया जाता था, क्योंकि उन्होंने इस कठिन तथा विलुप्त हो रही विधा को पुन: लोकप्रिय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्हें अपनी शास्त्रीय तथा हल्की उप-शास्त्रीय गायिकी के लिए अधिकतर जाना जाता था।
 गिरिजा देवी का जन्म वाराणसी में 1929 में हुआ था, हालांकि बाद में उन्होंने कोलकाता में अपना अधिकतर समय व्यतीत किया। बचपन में उन्होंने गायक तथा सरोद वादक सरजू प्रसाद मिश्र से ख्याल और टप्पा गायिकी की बारीकियाँ सीखीं। इस क्षेत्र में खासी ख्याति अर्जित करने के बाद 80 के दशक में वे कोलकाता स्थित आईटीसी संगीत रिसर्च अकादमी (ITC Sangeet Research Academy) में फैकल्टी सदस्या के रूप में शामिल हो गईं। वहीं 90 के दशक में उन्होंने वाराणसी स्थित बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में भी अध्यापन किया।
 शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में अपने योगदान के लिए गिरिजा देवी को वर्ष 1972 में पद्मश्री, 1989 में पद्म भूषण तथा 2016 में देश का दूसरा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान पद्म विभूषण प्रदान किया गया था।
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4) दुनिया भर के किन 12 देशों के मेयरों ने 23 अक्टूबर 2017 को फ्रांस में एक महात्वाकांक्षी घोषणापत्र (Declaration) पर हस्ताक्षर किया जिसमें वर्ष 2025 से सिर्फ शून्य-उत्सर्जन वाली बसों को खरीदने और 2030 तक शहर के प्रमुख हिस्सों को जीवाश्म-आधारित ईंधन के उत्सर्जन से मुक्त करने की बात कही गई है? – लंदन, पेरिस, लॉस एंजिल्स, केप टाउन, कोपेनहेगन, बार्सीलोना, क्विटो, वैंकूवर, मैक्सिको सिटी, मिलान, सियाटल और ऑकलैण्ड
विस्तार: सी40 नेटवर्क (C40 Network) के तत्वाधान में फ्रांस की राजधानी पेरिस (Paris) में दो-दिवसीय सम्मेलन में भाग लेते हुए दुनिया भर के 12 शहरों के मेयरों ने एक महात्वाकांक्षी घोषणापत्र में 23 अक्टूबर 2017 को हस्ताक्षर किए। इस घोषणापत्र में इन शहरों ने यह वादा निभाने पर सहमति जताई है कि वर्ष 2025 से सिर्फ शून्य-उत्सर्जन वाली बसों (zero-emissions buses) को खरीदा जायेगा और 2030 तक इन शहरों के प्रमुख हिस्सों को जीवाश्म-आधारित ईंधन के उत्सर्जन (fossil fuel emissions) से मुक्त कर दिया जायेगा। प्रदूषण के मुद्दे पर एक मंच पर आने वाले ये 12 शहर हैं – ब्रिटेन का लंदन (London), फ्रांस का पेरिस (Paris), अमेरिका का लॉस एंजिल्स (Los Angeles), दक्षिण अफ्रीका का केप टाउन (Cape Town), डेनमार्क का कोपेनहेगन (Copenhagen), स्पेन का बार्सीलोना (Barcelona), इक्वाडोर का क्विटो (Quito), कनाडा का वैंकूवर (Vancouver), मैक्सिको का मैक्सिको सिटी (Mexico City), स्पेन का मिलान (Milan), अमेरिका का सियाटल (Seattle) और न्यूज़ीलैण्ड का ऑकलैण्ड (Auckland)।
 उल्लेखनीय है कि C40 दुनिया भर के बहुत बड़े शहरों का नेटवर्क है जो जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर एक मंच पर आए हैं।
 उक्त घोषणापत्र का उद्देश्य सिर्फ शहरों के वायु प्रदूषण को कम करना न होकर वर्ष 2015 में हस्ताक्षरित पेरिस जलवायु परिवर्तन संधि के कार्यान्व्यन में सहयोग देकर ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को घटाना भी है।
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5) केन्द्र सरकार ने जाड़े की मुख्य फसल गेहूँ (Wheat) के न्यूनतम समर्थन मूल्य (minimum support price – MSP) में कितनी वृद्धि करने की घोषणा 24 अक्टूबर 2017 को की, जोकि पिछले 6 सालों में इसके मूल्य में की गई सबसे बड़ी वृद्धि है? – 110 रुपए प्रति क्विंटल
विस्तार: केन्द्र सरकार ने 24 अक्टूबर 2017 को गेहूँ समेत कई फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में वृद्धि करने की घोषणा 24 अक्टूबर 2017 को की। गेहूँ (Wheat), जोकि जाड़े के मौसम (रबी) की मुख्य फसल है, के न्यूतनम समर्थन मूल्य में 110 प्रति क्विंटल की वृद्धि करते हुए इसे 1,735 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया गया। यह गेहूँ के मूल्य में पिछले 6 वर्षों में की गई सर्वाधिक वृद्धि है।
 इसके अलावा रबी मौसम की एक और प्रमुख फसल चने (gram) के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 10% की वृद्धि करते हुए इसे 4,400 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया गया। सरसों (mustard) के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 8% वृद्धि करते हुए इसे 3,700 रुपए से 4,000 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया गया।
 इन प्रमुख फसलों के न्यूतनम समर्थन मूल्य में यह वृद्धि पिछले काफी समय से देश के कई राज्यों में किसानों द्वारा लागत में हुई वृद्धि के चलते सरकारी खरीद दरों में वृद्धि की मांग को लेकर चलाए जा रहे आंदोलनों की पृष्ठभूमि में की गई है। इसके अलावा पिछली खरीफ की पैदावार (2017-18) में असमान मानसून के कारण 2.8% की कमी को देखते हुए भी वृद्धि का यह फैसला लिया गया है।
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