निर्देश (1-15) : नीचे दिए गए गद्यांश को ध्यान से पढ़िए और उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए. कुछ शब्द मोटे अक्षरों में मुद्रित किए गए हैं, जिससे आपको कुछ प्रश्नों के उत्तर देने में सहायता मिलेगी. दिए गए विकल्पों में से सबसे उपयुक्त का चयन कीजिए.
हजारों वर्षों से एक ही भू-भाग में, एक ही तरह की जलवायु तथा एक ही सामाजिक ढाँचे और एक ही आर्थिक पद्धति के भीतर जीते रहने के कारण भारतीय समाज के सभी लोगों के रूप- रंग, वेश-भूषा, रहन-सहन, भाव-विचार और जीवन-विषयक दृष्टिकोण में जो अद्भुत एकता आ गयी है, से देखते हुए एक नस्ल के लोगों को दूसरी नस्ल के लोगों से अलग करने का काम अस्वाभाविक और जरा मुश्किल भी मालूम होता है. लेकिन, तब भी ऐसी कुछ कसौटियाँ मौजूद हैं, जिनके आधार पर बिलगाव किया जा सकता है. दुनिया में जितनी भी जातियाँ बसती हैं, उनकी मूल-नस्लों की पहचान भाषा और शरीर के गठन को देखकर की जाती है और इस विषय का अध्ययन अब अलग-अलग शास्त्रों के रूप में विकसित हो गया है जिनके प्रयोग से मानव जाति के प्राचीन इतिहास की रचना में बहुत सहायता मिली है.
भाषा का अध्ययन करने वाले शास्त्र को भाषा विज्ञान (च्ीपसवसवहल) कहते हैं. साहित्य से सम्बद्ध रहने के कारण इस विषय के जानकार अब काफी लोग हो गये हैं. किन्तु रूप रंग और कई ढ़ाँचे की कसौटी पर भी मनुष्य जाति का अध्ययन एक दूसरे शास्त्र के द्वारा किया जाता है जिसे मानुषमिति (दजीतवचवसवहल) कहते हैं. भाषा-भेद को देखकर मनुष्य की नस्ल का पता लगाना अपेक्षाकृत कुछ सरल कार्य हो गया; मगर, रंग-रूप और शरीर के ढाँचे को देखकर आदमी के मूल-खानदान का पता लगाना उतना आसान नहीं है, क्यांकि जलवायु के प्रभाव और विवाहादि के द्वारा रक्त के मिश्रण के कारण इस क्षेत्र में बड़ी-बड़ी उलझनें पैदा हो जाती हैं. फिर भी, जनविज्ञान ने जो कसौटियाँ बनायी हैं, उन पर आदमी की नस्ल की पहचान, बहुत दूर तक, सही-सही कर ली जाती है. जनविज्ञान की पहली कसौटी रंग की है. जनविज्ञानियों का एक साधारण विश्वास है कि गोरे रंग के लोग आर्य वंश के हैं और जिनका रंग पक्का काला है, वे आर्येतर हैं अथवा आर्यों और आर्येतर जातियों के बीच जो वैवाहिक मिश्रण हुआ है, उसका उन पर कॉफी प्रभाव है. खोपड़ी की लम्बाई-चौड़ाई देखकर भी नस्लकी पहचान की जाती है. इसी तरह, नाक की ऊँचाई, चौड़ाई, उसका खड़ा या चिपटा होना भी आदमी की नस्ल को इंगित करता है; फिर, आदमी का कद या डील, उसके मुँह या जबडे़ का आगे बढ़ा या न बढ़ा होना भी उसकी नस्ल की पहचान है.
जनविज्ञान से संसार की सभी जातियों को, मुख्यतः तीन नस्लों में बाँट रखा है. पहली नस्ल गोरे लोगों की है जिन्हें हम कोकेशियन कहते हैं, दूसरी नस्ल के वे लोग हैं, जिनका रंग पीला होता है और जो मंगोल-जाति के हैं; तथा तीसरी नस्ल उन लोगों की है, जिनका रंग काला है और जो इथोपियन परिवार के हैं. काकेशस रूस से दक्षिण, प्रायः एशिया-यूरोप के बीच का भू-भाग है और इथोपिया अफ्रीका में है. यह विभाजन मुख्यतः रंगों के आधार पर किया गया है, क्योंकि रंग की दृष्टि से संसार में तीन प्रकार के लोग हैं-गोरे, काले और पीले. बाकी रंग इन्हीं रंगों में से किसी-न-किसी की, कम या ज्यादा, छाँह लिये हुए हैं और वे अक्सर, दो रंगों इन्हीं रंगों के मिश्रण से अथवा जलवायु के परिणाम-स्वरूप उत्पन्न हुए हैं. भारतीय जनता में इन तीनों रंगों के प्रतिनिधि मौजूद हैं और रंगों की दृष्टि से भी भारतीय मानवता विश्व- मानवता का अद्भुत प्रतीक मानी जा सकती है.
Q1. संसार की जातियों की पहचान कैसे होती है?
(a) भाषा से
(b) नस्ल से
(c) शरीर से
(d) भाषा और शरीर के गठन से
(e) इनमें से कोई नहीं
Q2. भाष का अध्ययन करने वाले शास्त्र को कहते हैं-
(a) भाषा शास्त्र
(b) भाषा विज्ञान
(c) इतिहास
(d) जाति शास्त्र
(e) जनविज्ञान
Q3. रूप-रंग और कद के ढ़ाँचे पर होने वाले मानव जाति के अध्ययन को क्या कहते हैं?
(a) मानुषमिति या जनविज्ञान
(b) समाज विज्ञान
(c) रंग विज्ञान
(d) भाषा विज्ञान
(e) भू-विज्ञान
Q4. जन विज्ञान की सर्वप्रथम कसौटी है-
(a) रूप की
(b) रंग की
(c) नस्ल की
(d) जाति की
(e) स्थान की
Q5. भारतीय मानवता का स्वरूप कैसा है-
(a) अद्भुत
(b) अभूतपूर्व
(c) चुका हुआ
(d) मानवीय
(e) कल्याणकारी
Q6. गद्यांश में प्रयुक्त ‘बिलगाव’ शब्द का अभिप्राय क्या है?
(a) संयुक्त
(b) अलग
(c) विविध
(d) विशेष
(e) इनमें से कोई नहीं
Q7. जनविज्ञानियों के सामान्य मत के अनुसार निम्नलिखित किस रंग के लोग आर्य वंश के माने जाते हैं?
(a) गौर वर्ण
(b) श्याम वर्ण
(c) पीत वर्ण
(d) ताम्र वर्ण
(e) इनमें से कोई नहीं
Q8. सामान्य रूप से मानव नस्ल की पहचान उपयोगी हैं-
(a) खोपड़ी की लम्बाई-चौड़ाई का अध्ययन
(b) नाक की ऊँचाई, चौड़ाई, उसका खड़ा होना या चिपटा होना
(c) आदमी का कद या डील
(d) मुँह या जबडे़ का आगे बढ़ा या न बढ़ा होना
(e) उपर्युक्त सभी
Q9. भारतीय समाज में अद्भुत एकता आने का कारण है-
(a) समान भू-भाग में रहना
(b) समान जलवायु में रहना
(c) समान सामाजिक ढाँचे में रहना
(d) समान आर्थिक पद्धति
(e) उपर्युक्त सभी
Q10. उपर्युक्त गद्यांश के अनुसार भारत विश्व में किसका अद्भुत प्रतीक माना जाता है?
(a) काकेशियन नस्ल के लोगों का
(b) मंगोलियन नस्ल के लोगों का
(c) इथोपियन नस्ल के लोगों का
(d) विश्व मानवता का
(e) मिश्रित नस्ल के लोगों का
निर्देश (11-13) : निम्नलिखित प्रश्नों में गद्यांश में प्रयुक्त शब्द मोटे रूप में छापा गया है. जिस विकल्प में समानार्थी शब्द नहीं है, वही आपका उत्तर है.
Q11. मानुष
(a) आदमी
(b) जन
(c) लोग
(d) मनुष्य
(e) दैव
Q12. रक्त
(a) लहु
(b) खून
(c) उर्मि
(d) रूधिर
(e) शोणित
Q13. अन्तर
(a) वैषम्य
(b) असमान
(c) बिलगाव
(d) अलगाव
(e) अन्तराल
निर्देश : निम्नलिखित प्रश्न में गद्यांश में प्रयुक्त शब्द मोटे रूप में छापा गया है और उसके नीचे पाँच शब्द दिए गए हैं. इनमें से समानार्थी शब्द का चयन कीजिए.
Q14. इंगित
(a) पन्नग
(b) सार्वत्रिक
(c) सूचित
(d) आधान
(e) अर्णव
निर्देश : निम्नलिखित प्रश्न में गद्यांश में प्रयुक्त शब्द मोटे रूप में छापा गया है और उसके नीचे पाँच शब्द दिए गए हैं. इनमें से विपरीतार्थी शब्द का चयन कीजिए.
Q15. रचना
(a) विहार
(b) शक्त
(c) प्रमाद
(d) सृजन
(e) संहार
SOLUTIONS
S1. Ans. (d) भाषा और शरीर के गठन से
S2. Ans. (b) भाषा विज्ञान
S3. Ans. (a) मानुषमिति या जनविज्ञान
S4. Ans. (b) रंग की
S5. Ans. (a) अद्भुत
S6. Ans. (b) अलग
S7. Ans. (a) गौर वर्ण
S8. Ans. (e) उपर्युक्त सभी
S9. Ans. (e) उपर्युक्त सभी
S10. Ans. (d) विश्व मानवता का
S11. Ans. (e) दैव
S12. Ans. (c) उर्मि
S13. Ans. (a) वैषम्य
S14. Ans. (c) सूचित
S15. Ans. (e) संहार