निर्देश (1-5) : निम्नलिखित गद्यांश पर आधारित पांच प्रश्न दिए गए है, गद्यांश का अध्ययन सावधानीपूर्वक कीजिये और प्रश्नों के उत्तर दीजिये.
सरस सावन, आँखां को सुख पहुँचाने वाली मखमली हरियाली, रिमझिम फुहार इनका असल चित्र वस्तुतः कजली में ही मिलता है. वैसे देखा जाए, तो अधिकांश लोकगीत किसी-न-किसी ऋतु अथवा त्योहार के होते हैं. वर्षा ऋतु के आने पर लोगों के मन में जिस नए उल्लास एवं उमंग का संचार होता है, उसकी अभिव्यक्ति करती है कजली. सावन-भादों के महीने में बनारस, मिर्जापुर और इनके निकटवर्ती इलाके कजली से गूँजते हैं. न केवल स्त्रियाँ, बल्कि पुरूष भी कजली गाते हैं और बडे़ उत्साह से गाते हैं.
कहा जाता है कि कजली का नामकरण सावन के काले बादलों के कारण पड़ा है. भारतेन्दु के अनुसार, मध्य प्रदेश के दादूराय नामक लोकप्रिय राजा की मृत्यु के बाद वहाँ की स्त्रियों ने एक नए गीत की तर्ज का अविष्कार किया, जिसका नाम पड़ा. कुछ लोग कजली वन से भी इसका संबंध जोड़ते हैं. पं. बलदेव उपाध्याय के विचार में आजकल की कजली प्राचीन लावनी की ही प्रतिनिधि है. कजली का संबंध एक धार्मिक तथा सामाजिक पर्व के साथ भी जुड़ा है. भादों के कृष्ण पक्ष की तृतीया को कज्जली-व्रत पर्व मनाया जाता है. यह स्त्रियों का मुख्य त्याहोर है. स्त्रियाँ उस दिन नए वस्त्र आभूषण पहनती हैं. कज्जली देवी की पूजा करती हैं और अपने भाइयों को ‘जई’ बाँधने के लिए देती हैं. उस दिन वे रातभर जागती और कजली गाती हैं.
1. इस दिन स्त्रियाँ-
(a) आनंद में डूबी रहती हैं
(b) घर से बाहर नहीं निकलती हैं
(c) गरीबों को भोजन, वस्त्र देती हैं
(d) अपने भाइयों को ‘जई’ बाँधने के लिए देती हैं
(e)इनमे से कोई नहीं
2. उपर्युक्त अवतरण का सर्वाधिक उपयुक्त शीर्षक हो सकता है-
(a) वर्षा ऋतु
(b) रिमझिम फुहार
(c) सावन के काले बादल
(d) कजली
(e)इनमे से कोई नहीं
3. कजली अधिकांशतः कौन गाता है?
(a) स्त्रियाँ गाती हैं
(b) पुरूष गाते हैं
(c) न केवल स्त्रियाँ, बल्कि पुरूष भी गाते हैं
(d) न केवल स्त्रियाँ, बल्कि पुरूष भी नहीं गाते हैं
(e)इनमे से कोई नहीं
4. भारतेन्दु के अनुसार-राजा दादूराय की मृत्यु के पश्चात् जो गीत गाया जाने लगा वह है-
(a) लावनी गीत
(b) मृत्यु गीत
(c) कजली गीत
(d) देवी गीत
(e)इनमे से कोई नहीं
5. कुछ लोग कजली का संबंध-
(a) कजली वन से जोड़ते हैं
(b) काले बादलों से जोड़ते हैं
(c) आँखों में लगाने वाले अंजन से जोड़ते हैं
(d) ‘जई’ से जोड़ते हैं
(e)इनमे से कोई नहीं
निर्देश (6-10) : निम्नलिखित गद्यांश पर आधारित पांच प्रश्न दिए गए है, गद्यांश का अध्ययन सावधानीपूर्वक कीजिये और प्रश्नों के उत्तर दीजिये.
भाषा की उपमा नदी के प्रवाह से दी जाती है. जिस प्रकार नदी अपने उद्गम-स्थल से निकलकर निरंतर बहती जाती है, उसमें अनेक नाले, नदी और नद मिलते जाते हैं, उसके रूप में परिवर्तन और परिवर्धन होता जाता है परंतु उसका नाम वही प्रचलित रहता है. यही गति भाषा की है. साहित्यिक भाषाएँ मूल धारा से निकाली हुई उपधाराएँ या नहरें हैं. जो विविध अलंकरणों से अलंकृत होती हुई नव-वधू के तुल्य मनोहारिणी होती है, परंतु विवाहित वधू के तुल्य इनका प्रवाह स्वच्छंद नहीं रह जाता. ये व्याकरण आदि के नियमों में बद्ध होकर स्थिर हो जाती है. अतः इनकी प्रगति रूक जाती है. कालभेद से, मूल वैदिक भाषा से, संस्कृत, पालि, प्राकृत, अपभ्रंश, हिन्दी आदि विभिन्न भाषाएँ विकसित हुई हैं. राजनैतिक, सामाजिक, आर्थिक आदि परिस्थितियों का भी प्रभाव भाषा पर पड़ता है. प्रतिकूल परिस्थितियों में भाषा का प्रवाह रूक जाता है या मंद पड़ जाता है और अनुकूल परिस्थितियों में उसका प्रवाह तीव्र हो जाता है.
6. कौन सी भाषाएँ नव-वधू की तरह मनोहारिणी होती हैं?
(a) आर्य भाषाएँ
(b) वैदिक भाषाएँ
(c) पाश्चात्य भाषाएँ
(d) साहित्यिक भाषाएँ
(e)इनमे से कोई नहीं
7. अनुकूल परिस्थितियों में भाषा का प्रवाह-
(a) रूक जाता है
(b) मंद पड़ जाता है
(c) स्थिर रहता है
(d) तीव्र हो जाता है
(e)इनमे से कोई नहीं
8. उपर्युक्त अवतरण का सर्वाधिक उपयुक्त शीर्षक हो सकता है-
(a) भाषा
(b) भाषा का प्रवाह
(c) भाषा और साहित्य
(d) भारतीय भाषाएँ
(e)इनमे से कोई नहीं
9. भाषा की उपमा किससे दी जाती है?
(a) वायु के वेग से
(b) नव-वधू से
(c) नदी के प्रवाह से
(d) नाले, नदी आदि से
(e)इनमे से कोई नहीं
10. संस्कृत, पाली, प्राकृत, अपभ्रंश, हिन्दी आदि भाषाएँ विकसित हुईं-
(a) पाश्चात्य भाषा से
(b) साहित्यिक भाषा से
(c) मूल वैदिक भाषा से
(d) क्षेत्रीय भाषा से
(e)इनमे से कोई नहीं
निर्देश (11-15) : निम्नलिखित गद्यांश पर आधारित पांच प्रश्न दिए गए है, गद्यांश का अध्ययन सावधानीपूर्वक कीजिये और प्रश्नों के उत्तर दीजिये.
खड़ी बोली हिन्दी अद्भुत शक्तिशालिनी भाषा है. यद्यपि दसवीं-ग्यारहवीं शताब्दी के उपलब्ध साहित्य से ही इसके आस्तित्व का कुछ-न-कुछ पता चलने लगता है, पर व्यापक रूप में साहित्य भाषा के रूप में इसका प्रचार बाद में हुआ. मुसलमान लेखकों और कवियों ने इसका साहित्य भाषा के रूप में अधिक प्रयोग किया. दक्षिण में तो चौदहवीं शताब्दी से ही इसमें गद्य का प्रयोग मिलने लगता है, लेकिन ऐसा जान पड़ता है कि भक्तिकाल के उत्थान के समय ब्रजभाषा और अवधी अधिक प्राधान्य पा गई और खड़ी बोली फारसी लिपि में लिखी जाकर प्रधान रूप से मुसलमानी भाषा मान ली गई. फारसी लिपि और मुस्लिम संस्कृति में संबद्ध होकर उसने नया नाम भी ग्रहण किया. उन दिनों फारसी भाषा राजकीय व्यवहार की भाषा थी और इस देश के मुस्लिम शासकों की सांस्कृतिक प्रेरणा की स्त्रोत थी. यह बात तो नहीं है कि खड़ी हिन्दी मुस्लिम संस्कृति के वातावरण में पलकर उर्दू के प्राणवान् साहित्य का माध्यम बनी उसके लेखक या प्रशंसक केवल मुसलमान ही थे. सच बात तो यह है कि उन दिनों का राजकीय कार्यां का निर्वाहक हिन्दू सहृदय भी इस भाषा को उतने ही प्रेम और उत्साह से अपना रहा था. जितने प्रेम और उत्साह से उस समय का मुसलमान नागरिक अपनाता था.
11. भक्तिकाल में प्रधान भाषा थी-
(a) अरबी और फारसी
(b) अपभ्रंश और प्राकृत
(c) ब्रज और अवधी
(d) हिंदी और संस्कृत
(e)इनमे से कोई नहीं
12. खड़ी बोली हिन्दी का प्रचार बाद में हुआ-
(a) साहित्यिक भाषा के रूप में
(b) राजकाज की भाषा के रूप में
(c) ब्रज और अवधी
(d) हिंदी और संस्कृत
(e)इनमे से कोई नहीं
13. हिन्दू और मुसलमानों ने उत्साह से अपनाया-
(a) फारसी को
(b) उर्दू को
(c) हिन्दी को
(d) अंग्रेजी को
(e)इनमे से कोई नहीं
14. मुस्लिम शासकों की सांस्कृतिक प्रेरणा-स्त्रोत थी-
(a) अरबी भाषा
(b) उर्दू भाषा
(c) फारसी भाषा
(d) खड़ी बोली
(e)इनमे से कोई नहीं
15. मुसलमान लेखकों और कवियों ने साहित्य भाषा के रूप में प्रयोग किया-
(a) फारसी का
(b) अरबी का
(c) उर्दू का
(d) खड़ी बोली हिन्दी का
(e)इनमे से कोई नहीं
SOLUTIONS
S1. Ans. (d) अपने भाइयों को ‘जई’ बाँधने के लिए देती हैं
S2. Ans. (d) कजली
S3. Ans. (c) न केवल स्त्रियाँ, बल्कि पुरूष भी गाते हैं
S4. Ans. (c) कजली गीत
S5. Ans. (a) कजली वन से जोड़ते हैं
S6. Ans. (d) साहित्यिक भाषाएँ
S7. Ans. (d) तीव्र हो जाता है
S8. Ans. (a) भाषा
S9. Ans. (c) नदी के प्रवाह से
S10. Ans. (c) मूल वैदिक भाषा से
S11. Ans. (c) ब्रज और अवधी
S12. Ans. (a) साहित्यिक भाषा के रूप में
S13. Ans. (b) उर्दू को
S14. Ans. (c) फारसी भाषा
S15. Ans. (d) खड़ी बोली हिन्दी का