22 नवंबर, 2017 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में ‘आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति’ (CCEA) ने ‘प्रधानमंत्री महिला शक्ति केंद्र’ (PMMSK) नामक नई योजना को मंजूरी प्रदान की। उल्लेखनीय है कि आम बजट, 2017-18 में 14 लाख आईसीडीएस आंगनबाड़ी केंद्रों में महिला शक्ति केंद्र की स्थापना के लिए 500 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था। इसका क्रियान्वयन केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा किया जाना है।
क्या है उद्देश्य?👇
प्रधानमंत्री महिला शक्ति केंद्र का उद्देश्य सामुदायिक भागीदारी के द्वारा ग्रामीण महिलाओं को सशक्त करना है। इसके माध्यम से एक ऐसा परिवेश निर्मित किया जाना है, जिसमें महिलाएं अपनी पूर्ण क्षमता का उपयोग कर सकें।महत्वपूर्ण बिंदुदेश के 115 सर्वाधिक पिछड़े जिलों में ब्लॉक स्तर पर 920 महिला शक्ति केंद्रों की स्थापना को मंत्रिमंडल ने मंजूरी प्रदान की।इसमें स्थानीय कॉलेजों से लगभग 3 लाख से भी अधिक स्वेच्छाकर्मी विद्यार्थियों को लगाया जाएगा, जबकि एनएसएस/एनसीसी कैडर के साथ विद्यार्थियों का सहयोग एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में राष्ट्र निर्माण में योगदान देने का एक अवसर भी होगा।स्वेच्छाकर्मी विद्यार्थियों के कार्य-कलापों पर आधारित प्रमाण को वेब आधारित प्रणाली के माध्यम से मॉनीटर किया जाएगा।
अन्य योजनाओं को विस्तार👇👇👇
22 नवंबर, 2017 को ही आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) ने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की योजनाओं को अम्ब्रेला स्कीम ‘महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तीकरण मिशन’ के तहत वर्ष 2017-18 से वर्ष 2019-20 तक के लिए विस्तार को स्वीकृति प्रदान की।640 जिलों में मीडिया अभियान और चयनित 405 जिलों में बहु-क्षेत्रीय कार्यवाही के माध्यम से ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ (BBBP) के लिए विस्तार और प्रयासों में तेजी के लिए भी मंजूरी प्रदान की गई।जिन जिलों में बाल लिंगानुपात (Child Sex Ratio) सबसे कम है, उन सभी जिलों को बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना के तहत पहले वर्ष ही शामिल किया जाएगा।कामकाजी महिलाओं के लिए 190 से अधिक कामकाजी महिला हॉस्टलों की स्थापना की जानी है, जिनमें लगभग 19,000 महिलाएं रह सकेंगी।इसके अलावा लगभग 26,000 लाभार्थियों को राहत और पुनर्वास प्रदान करने हेतु अतिरिक्त स्वाधार गृहों को भी मंजूरी प्रदान की गई।
वन स्टॉप सेंटर👇👇
ऐसी महिलाएं, जो हिंसा से पीड़ित हैं, उनको सहायता प्रदान करने के लिए इस अवधि के दौरान 150 अतिरिक्त जिलों में वन स्टॉप सेंटर (OSC) की स्थापना की जाएगी।इनको महिला हेल्पलाइन (1090) के साथ जोड़ा जाएगा और हिंसा से पीड़ित महिलाओं को 24 घंटे का आपातकालीन एवं गैर-आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली प्रदान की जाएगी।जनता-पुलिस संपर्क स्थापित करने हेतु राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों में स्वैच्छिक आधार पर महिला पुलिस स्वेच्छाकर्मियों (MPVs) को संलग्न करके एक अद्वितीय पहल शुरू की जाएगी।देश के सभी राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों को आच्छादित (Cover) करते हुए 65 जिलों में इसको विस्तारित किया जायेगा
निगरानी और मूल्यांकन👇👇👇
महिलाओं के लिए सुरक्षा और सशक्तीकरण मिशन के तहत सभी उपयोजनाओं की योजना, समीक्षा और निगरानी के लिए राष्ट्रीय राज्य और जिला स्तर पर एक सामान्य कार्यबल गठित किया जाएगा। इनका उद्देश्य कार्यवाही के अभिसरण (Convergence of Action) और लागत दक्षता (Cost Efficiency) को सुनिश्चित करना है। प्रत्येक योजना का सतत विकास लक्ष्यों (Sustainable Development Goals) के अनुरूप स्पष्ट लक्ष्य निर्धारित होगा। नीति (NITI) आयोग के सुझाव के अनुसार, सभी उपयोजनाओं के लिए सूचकों पर आधारित परिणाम की निगरानी के लिए तंत्र की स्थापना की जाएगी।इन योजनाओं को राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों और कार्यान्वयन एजेंसियों के माध्यम से क्रियान्वित किया जाएगा। केंद्रीय स्तर, राज्य स्तर, जिला और खंड स्तर पर सभी उपयोजनाओ का एक अंतर्निहित निगरानी ढांचा (Inbuilt Monitoring Structure) होगा।
निष्कर्ष👇👇
सशक्त महिलाएं, हिंसा व भेदभाव से मुक्त वातावरण में सम्मान सहित जीते हुए देश की प्रगति में बराबर योगदान दे सकती हैं। इसी सोच के तहत देश की आधी आबादी के सशक्तीकरण और सुरक्षा को लेकर सरकार द्वारा विभिन्न योजनाएं चलाई जाती रही हैं। इसी प्रक्रिया के तहत केंद्र सरकार द्वारा कुछ योजनाओं को विस्तार तथा कुछ नई योजनाओं की शुरुआत की गई है। जिनके द्वारा लिंगानुपात में सुधार, नवजात कन्याशिशु की उत्तरजीविता और सुरक्षा, उसकी शिक्षा व्यवस्था की सुनिश्चितता प्रदान कर उसे सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाना है। पूर्व में चल रही बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ जैसी योजनाओं के बेहतर प्रदर्शन को देखते हुए उनका विस्तार किया गया है।
क्या है उद्देश्य?👇
प्रधानमंत्री महिला शक्ति केंद्र का उद्देश्य सामुदायिक भागीदारी के द्वारा ग्रामीण महिलाओं को सशक्त करना है। इसके माध्यम से एक ऐसा परिवेश निर्मित किया जाना है, जिसमें महिलाएं अपनी पूर्ण क्षमता का उपयोग कर सकें।महत्वपूर्ण बिंदुदेश के 115 सर्वाधिक पिछड़े जिलों में ब्लॉक स्तर पर 920 महिला शक्ति केंद्रों की स्थापना को मंत्रिमंडल ने मंजूरी प्रदान की।इसमें स्थानीय कॉलेजों से लगभग 3 लाख से भी अधिक स्वेच्छाकर्मी विद्यार्थियों को लगाया जाएगा, जबकि एनएसएस/एनसीसी कैडर के साथ विद्यार्थियों का सहयोग एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में राष्ट्र निर्माण में योगदान देने का एक अवसर भी होगा।स्वेच्छाकर्मी विद्यार्थियों के कार्य-कलापों पर आधारित प्रमाण को वेब आधारित प्रणाली के माध्यम से मॉनीटर किया जाएगा।
अन्य योजनाओं को विस्तार👇👇👇
22 नवंबर, 2017 को ही आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) ने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की योजनाओं को अम्ब्रेला स्कीम ‘महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तीकरण मिशन’ के तहत वर्ष 2017-18 से वर्ष 2019-20 तक के लिए विस्तार को स्वीकृति प्रदान की।640 जिलों में मीडिया अभियान और चयनित 405 जिलों में बहु-क्षेत्रीय कार्यवाही के माध्यम से ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ (BBBP) के लिए विस्तार और प्रयासों में तेजी के लिए भी मंजूरी प्रदान की गई।जिन जिलों में बाल लिंगानुपात (Child Sex Ratio) सबसे कम है, उन सभी जिलों को बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना के तहत पहले वर्ष ही शामिल किया जाएगा।कामकाजी महिलाओं के लिए 190 से अधिक कामकाजी महिला हॉस्टलों की स्थापना की जानी है, जिनमें लगभग 19,000 महिलाएं रह सकेंगी।इसके अलावा लगभग 26,000 लाभार्थियों को राहत और पुनर्वास प्रदान करने हेतु अतिरिक्त स्वाधार गृहों को भी मंजूरी प्रदान की गई।
वन स्टॉप सेंटर👇👇
ऐसी महिलाएं, जो हिंसा से पीड़ित हैं, उनको सहायता प्रदान करने के लिए इस अवधि के दौरान 150 अतिरिक्त जिलों में वन स्टॉप सेंटर (OSC) की स्थापना की जाएगी।इनको महिला हेल्पलाइन (1090) के साथ जोड़ा जाएगा और हिंसा से पीड़ित महिलाओं को 24 घंटे का आपातकालीन एवं गैर-आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली प्रदान की जाएगी।जनता-पुलिस संपर्क स्थापित करने हेतु राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों में स्वैच्छिक आधार पर महिला पुलिस स्वेच्छाकर्मियों (MPVs) को संलग्न करके एक अद्वितीय पहल शुरू की जाएगी।देश के सभी राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों को आच्छादित (Cover) करते हुए 65 जिलों में इसको विस्तारित किया जायेगा
निगरानी और मूल्यांकन👇👇👇
महिलाओं के लिए सुरक्षा और सशक्तीकरण मिशन के तहत सभी उपयोजनाओं की योजना, समीक्षा और निगरानी के लिए राष्ट्रीय राज्य और जिला स्तर पर एक सामान्य कार्यबल गठित किया जाएगा। इनका उद्देश्य कार्यवाही के अभिसरण (Convergence of Action) और लागत दक्षता (Cost Efficiency) को सुनिश्चित करना है। प्रत्येक योजना का सतत विकास लक्ष्यों (Sustainable Development Goals) के अनुरूप स्पष्ट लक्ष्य निर्धारित होगा। नीति (NITI) आयोग के सुझाव के अनुसार, सभी उपयोजनाओं के लिए सूचकों पर आधारित परिणाम की निगरानी के लिए तंत्र की स्थापना की जाएगी।इन योजनाओं को राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों और कार्यान्वयन एजेंसियों के माध्यम से क्रियान्वित किया जाएगा। केंद्रीय स्तर, राज्य स्तर, जिला और खंड स्तर पर सभी उपयोजनाओ का एक अंतर्निहित निगरानी ढांचा (Inbuilt Monitoring Structure) होगा।
निष्कर्ष👇👇
सशक्त महिलाएं, हिंसा व भेदभाव से मुक्त वातावरण में सम्मान सहित जीते हुए देश की प्रगति में बराबर योगदान दे सकती हैं। इसी सोच के तहत देश की आधी आबादी के सशक्तीकरण और सुरक्षा को लेकर सरकार द्वारा विभिन्न योजनाएं चलाई जाती रही हैं। इसी प्रक्रिया के तहत केंद्र सरकार द्वारा कुछ योजनाओं को विस्तार तथा कुछ नई योजनाओं की शुरुआत की गई है। जिनके द्वारा लिंगानुपात में सुधार, नवजात कन्याशिशु की उत्तरजीविता और सुरक्षा, उसकी शिक्षा व्यवस्था की सुनिश्चितता प्रदान कर उसे सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाना है। पूर्व में चल रही बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ जैसी योजनाओं के बेहतर प्रदर्शन को देखते हुए उनका विस्तार किया गया है।