1) सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) ने 16 फरवरी 2018 को दिए अपने ऐतिहासिक आदेश में कर्नाटक (Karnataka) को एक बड़ी राहत देते हुए उसे तमिलनाडु (Tamil Nadu) को कावेरी नदी (Cauvery River) का 177.25 टीएमसी (Tmc) जल देने का निर्देश दिया। अभी तक कर्नाटक तमिलनाडु को कावेरी नदी के कितने जल की आपूर्ति कर रहा था? – 192 टीएमसी
विस्तार: मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली सर्वोच्च न्यायालय की एक विशेष पीठ ने 16 फरवरी 2018 को दिए अपने आदेश में कर्नाटक सरकार को तमिलनाडु को कावेरी नदी का मात्र 177.25 Tmc जल देने का निर्देश दिया। एक टीएमसी (Tmc) का अर्थ एक हजार मिलियन घन फिट (one thousand million cubic feet) जल होता है। अभी तक कर्नाटक तमिलनाडु को 192 Tmc जल की आपूर्ति कर रहा था। इस आदेश के द्वारा सर्वोच्च न्यायालय ने कर्नाटक को तमिलनाडु को की जाने वाली कावेरी नदी के जल में 14.75 Tmc की कटौती की है।
– इस आदेश में हालांकि इस सम्बन्ध में कावेरी जल विवाद न्यायाधिकरण (Cauvery Water Dispute Tribunal – CWDT) के 5 फरवरी 2007 के आदेश को काफी हद से सही बताया है लेकिन उसने माना है कि न्यायाधिकरण ने अपने आदेश में तमिलनाडु के भू-गर्भीय जल (ground water) भण्डार का अनुमान नहीं लगाया था जो 20 Tmc के बराबर है। मुख्यत: इस तथ्य को ध्यान में रखकर कर्नाटक को यह राहत दी गई है।
– इसके अलावा सर्वोच्च न्यायालय ने यह भी माना है कि कर्नाटक की राजधानी बंगलूरु (Bengaluru) एक “वैश्विक-शहर” बनकर उभरा है तथा इसको ध्यान में रखकर शहर की पेयजल आवश्यकताओं को तवज्जो देना बहुत जरूरी है।
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2) सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय द्वारा 15 फरवरी 2018 को जारी जानकारी के अनुसार सकल घरेलू उत्पाद (GDP), औद्यौगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) की गणना के लिए नया आधार-वर्ष (Base Year) क्या होगा? – सकल घरेलू उत्पाद और औद्यौगिक उत्पादन सूचकांक के लिए वर्ष 2017-18 और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के लिए वर्ष 2018
विस्तार: वर्ष 218-19 के लिए सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय (Ministry of Statistics and Programme Implementation – MoSPI) की योजनाओं की घोषणा करते हुए इस मंत्रालय के केन्द्रीय मंत्री डी.वी. सदानंद गौडा ने 15 फरवरी 2018 को जानकारी दी कि अब समष्टि अर्थशास्त्र (Macro Economics) से जुड़े तीन प्रमुख आंकड़ों – सकल घरेलू उत्पाद (Gross Domestic Product – GDP), औद्यौगिक उत्पादन सूचकांक (Index of Industrial Production – IIP) एवं उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (Consumer Price Index – CPI) की गणना के लिए आधार-वर्ष (Base Year) में बदलाव किया जायेगा। सकल घरेलू उत्पाद (GDP) और औद्यौगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) के लिए आधार-वर्ष जहाँ वर्ष 2017-18 को तय किया गया है वहीं उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) के लिए वर्ष 2018 को आधार वर्ष बनाया जायेगा।
– अभी तक इन तीनों आंकड़ों के लिए वर्ष 2011-12 आधार-वर्ष था। हालांकि तमाम अर्थशास्त्रियों ने वर्ष 2018 को आधार-वर्ष बनाए जाने के निर्णय को तर्कसंगत नहीं बताया है क्योंकि उनके हिसाब से यह वर्ष विमुद्रीकरण (Demonetization) के प्रभाव के अलावा जीएसटी (GST) लागू किए जाने के चलते सामान्य वर्ष (normal year) की श्रेणी में नहीं आता है।
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3) ईरानी राष्ट्रपति हसन रोहानी (Hassan Rouhani) ने 16 फरवरी 2018 को भारत की किस ऐतिहासिक मस्जिद में जुम्मे की नमाज में शरीक होने के अलावा मस्जिद में जमा लोगों को सम्बोधित भी किया, जोकि किसी ईरानी राष्ट्रपति की भारत में ऐसा पहला आयोजन रहा? – मक्का मस्जिद (हैदराबाद)
विस्तार: भारत की राजकीय यात्रा पर आए ईरान के राष्ट्रपति हसन रोहानी (Hassan Rouhani) ने यात्रा के पहले चरण के तहत 16 फरवरी 2018 को हैदराबाद की ऐतिहासिक मक्का मस्जिद (Makkah Masjid) में जुम्मे की नमाज में भाग लिया। इसके अलावा उन्होंने वहाँ एकत्रित लोगों को सम्बोधित भी किया। यह भारत में किसी ईरानी प्रमुख का ऐसा पहला कार्यक्रम था। मक्का मस्जिद हैदराबाद के मुस्लिम-बहुल पुराने शहर के केन्द्र चारमीनार के पास स्थित एक ऐतिहासिक मस्जिद है।
– इस घटनाक्रम से जुड़ा एक महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि राष्ट्रपति रोहानी ने इस यात्रा की शुरूआत नई दिल्ली से करने के बजाय हैदराबाद से की है।
– उल्लेखनीय है कि हैदराबाद के शिया-बहुल ईरान से पुराने सम्बन्ध रहे हैं। कुली कुतुब शाह (Quli Qutub Shah) ने इस शहर की स्थापना ईरानी शहर इशफहान (Isfahan) की तर्ज पर की थी तथा ईरान से यहाँ आए मीर मोमिन अस्त्राबादी (Mir Momin Astrabadi) ने इस शहर तथा यहाँ की पहचान चारमीनार की डिज़ाइन तैयार की थी।
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4) 16 फरवरी 2018 को प्रकाशित मीडिया रिपोर्टों के अनुसार अपनी नीति में एक बड़ा बदलाव करते हुए भारत सरकार ईरान (Iran) में भारतीय व्यवसायियों को भारतीय मुद्रा रुपए (Indian Rupee) में निवेश करने की अनुमति प्रदान करने जा रही है। इस प्रकार की अनुमति फिलहाल सिर्फ दो देशों के लिए उपलब्ध है। ये दो देश कौन से हैं? – नेपाल (Nepal) और भूटान (Bhutan)
विस्तार: अभी तक सिर्फ नेपाल (Nepal) और भूटान (Bhutan) में भारतीय व्यवसायियों को भारतीय मुद्रा रुपए में निवेश करने की अनुमति प्रदान कर रखी है। अब भारत सरकार इस अनुमति को ईरान के लिए भी प्रदान करने जा रही है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि ईरान को अपने परमाणु कार्यक्रम को लेकर तमाम आर्थिक प्रतिबन्धों का सामना करना पड़ रहा है जिससे वहाँ डॉलर (Dollar) और यूरो (Euro) में व्यवसाय व निवेश नहीं किया जा सकता है। अब रुपए में निवेश करने की सुविधा से भारतीय निवेशकों के अलावा ईरान को भी लाभ मिलेगा।
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