28 मई 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर के मुद्रा योजना के लाभार्थियों से बातचीत की। इस अवसर पर मोदी जी ने कहा कि इससे संभावनाओं के नये रास्ते खुले हैं और लोगों को नौकरियां भी मिल रही हैं। पीएम मोदी ने कहा कि मुद्रा योजना के दम पर बैंकों ने 12 करोड़ परिवारों को छह लाख करोड़ रुपये का कर्ज बांटा है।
उपलब्धियां:
- मुद्रा योजना ने सामान्य व्यक्ति के हुनर को निखारने का काम किया, उस हुनर को पहचान दिलाने और लोगों को सशक्त बनाने का काम किया है।
- मुद्रा योजना के 12 करोड़ लोगों में से 55% लोन देश के SC/ST/OBC समाज के युवाओं और महिलाओं को मिला है।
- इन 12 करोड़ लाभार्थियों में से करीब 28 प्रतिशत यानी 3.25 करोड़ लोग पहली बार उद्यम शुरु करने वाले लोग हैं।
- इनमें कुल 9 करोड़ लाभार्थी महिलाएं हैं। 110 बैंकों ने ही नहीं बल्कि 72 माइक्रो फाइनैंस कंपनियां और 9 नॉन बैंकिंग फाइनैंस कंपनियों ने भी यह लोन शुरू किए हैं।
- मुद्रा योजना एक ऐसी योजना है जिसने बिना किसी भेदभाव के पिछड़े समाज को आर्थिक एवं सामाजिक बल देने का और उन्हें सशक्त करने का काम सफलतापूर्वक किया है।
- पिछले तीन साल से चल रही मुद्रा योजना में बैड लोन 11300 करोड़ के पार पहुंच चुका है। 30 जून, 2017 तक मुद्रा योजना के 39.12 लाख खाते एनपीए में तब्दील हो गए हैं।
- मु्द्रा योजना के तहत सभी कर्ज सरकारी बैंक देते हैं। ये बैंक पहले से ही बैड लोन की समस्या से जूझ रहे हैं। ऐसे में अपने ऊपर पड़े एनपीए के बोझ से उभरने की कोशिश में जुटे सरकारी बैंकों के लिए मुद्रा योजना का बैड लोन भी मुसीबत खड़ी कर रहा है। इसकी वजह से उनके लिए अपने एनपीए को खत्म करना एक चुनौती बन रहा है।
- मुद्रा योजना के तहत किसी व्यक्ति को एक बार कर्ज देने के बाद उसके उपक्रम के लिए रीफाइनेंनसिंग नगण्य के बराबर है, जिसके चलते मुद्रा कर्ज लेने वालों के सामने शुरुआती घाटा खाने की स्थिति में दोबारा खड़े होने के लिए रीफाइनेंसिंग की समस्या रहती है।
प्रधानमंत्री मोदी ने मुद्रा योजना को 8 अप्रैल 2015 में शुरू किया था। इस योजना को छोटे कारोबारियों को ध्यान में रखकर लाया गया था। इस योजना के तहत तीन श्रेणियों के तहत कर्ज दिया जाता है।
इसमें पहली श्रेणी शिशु है। इसके तहत 50,000 रुपये तक कर्ज मिलता है। दूसरी है किशोर। इसके तहत कर्ज लेने वालों को 50,000 से 5 लाख रुपये तक का कर्ज मिलता है।
तीसरी श्रेणी है, तरुण। इसके तहत 5 लाख से 10 लाख रुपये तक लोन दिया जाता है। इस योजना के तहत सूक्ष्म, लघु और मध्यम कारोबार के लिए लिये जाने वाले कर्ज को बिना किसी कोलैटरल सिक्योरिटी के तहत देने का प्रावधान है।