संख्या श्रेणी आप में से कई लोगों को परेशान
करती होगी। गणितीय अभियोग्यता खण्ड में पूछे जाने वाले विषयों में यह प्रमुख है।
प्राय: इस खण्ड से 5 के सेट में प्रश्न पूछे जाते हैं। कम समय खर्चीला होने के
साथ ही यह स्कोरिंग भी है। इस प्रकार, हमारी ओर से आप सभी को यह सलाह है कि इस
विषय का पूरी तरह से अभ्यास करें। आज हम आपसे इस विषय से जुड़े सभी मूल बातों को
समझाने के लिये कुछ स्टडी नोट्स साझा कर रहे हैं।
कोई संख्या श्रेणी तार्किक रूप से व्यवस्थित
की गई संख्याओं का अनुक्रम होता है। इस विषय में सामान्य रूप से एक विशेष पैटर्न
पर आधारित संख्याओं का एक सेट दिया होता है और आपको पैटर्न को पता कर श्रेणी में
लुप्त संख्या का पता करने अथवा श्रेणी में पैटर्न के अनुसार मेल न खाने वाली
संख्या का पता करना होगा।
संख्याओं में रोचक पैटर्न होता हो सकता है।
यहाँ हम कुछ प्रमुख पैटर्न के बारे में बता रहे हैं –
1. अंकगणितीय पैटर्न (अंतर/जोड़) पर आधारित: श्रेणी के प्रत्येक पद में
समान संख्या के जोड़/घटाव करने से अंकगणितीय श्रेणी प्राप्त होती है। इस प्रकार
की श्रेणीयों में दो क्रमिक पदों के मध्य समान अंतर होगा।
उदाहरण: 1, 4, 7, 10,
13, 16, 19, 22, 25, …
इस अनुक्रम में प्रत्येक संख्या के मध्य 3
का अंतर होता है। पैटर्न में आखिरी पद क्रमिक रूप से 3 जोड़ने पर प्राप्त होगा।
इसलिये, अगला पद 25+3 = 28 होगा।
प्रत्येक बार जोड़े जानी वाली यह राशि
‘सर्वान्तर’ कहलाती है।
2. गुणात्मक पैटर्न (गुणा/भाग) पर आधारित – इस अनुक्रम श्रेणी में
प्रत्येक पद में समान संख्या से गुणा/भाग करके श्रेणी के अगले पद को प्राप्त
किया जा सकता है।
उदाहरण: 1, 3, 9, 27, 81,
243, …
श्रेणी को ध्यान से देखने पर हम पाते हैं कि
श्रेणी का प्रत्येक अगला पद 3 से गुणा करने पर प्राप्त किया जा सकता है। जैसे :
3= 1*3 , 9 = 3*3, 8े1= 27*3 इसी प्रकार 243 = 81*3. इस प्रकार अगला पद 243*3 =
729. होगा।
प्रत्येक पद में गुणा/भाग करने वाली संख्या
को ‘सर्वानुपात’ कहते हैं।
3. चरघातांकीय श्रेणी: जैसा कि नाम से स्पष्ट है कि ये
श्रेणियाँ a^n रूप में होगी। ये पूर्ण घन और पूर्ण वर्ग आदि पर आधारित
हो सकती है।
यदि आप संख्याओं का ध्यान से निरीक्षण करें
तो हम पाते हैं कि संख्याएं बहुत तेजी से आगे बढ़ रही हैं। चरघातांकीय श्रेणी का
यह प्रमुख गुण होता है। इस स्थिति में, हम देख सकते हैं 16 = 2^4 , 64 = 2^6 ,
256= 2^8 , 1024 = 2^10. स्पष्ट है कि अगला पद 2^12 = 8096 होगा।
4. एकान्तर श्रेणी : प्रत्येक एकान्तर संख्या श्रेणी के एक
भाग का निर्माण करते हैं। यहाँ आपको एकान्तर संख्याओं के मध्य पैटर्न का पता
लगाना होता है।
उदाहरण : 3, 9, 5, 15,
11, 33, 29, ?
अब दी गई श्रेणी में पैटर्न होगा –
3 * 3 = 9
9 - 4 = 5
5 * 3 = 15
15 - 4 = 11
11 * 3 = 33
33 - 4 = 29
9 - 4 = 5
5 * 3 = 15
15 - 4 = 11
11 * 3 = 33
33 - 4 = 29
इसलिये, अगला पद 29 * 3 =
87 है।
इस प्रकार की श्रेणी का पता लगाने का सबसे आसान तरीका यह है कि इस प्रकार की श्रेणीमें संख्याएं नियत क्रम में आगे नहीं बढ़ती हैं। वे प्राय: निरंतर रूप से घटती और बढ़ती है।
5. विशेष संख्या श्रेणी –
(a) अभाज्य संख्याएं- अभाज्य संख्याएं वे विशेष संख्याएं होती हैं जो कि 1 और स्वयं सेविभाजित होती हैं, जिसका अर्थ यह है कि अभाज्य संख्याओं के गुणनखण्ड नहीं किये जासकते हैं।
(b) फिबोनाक्की श्रेणी – फिबोनाक्की श्रेणी एक विशेष प्रकार की श्रेणी होती है जिसमेंप्रत्येक पद पिछले दो पदों को जोड़कर प्राप्त किया जाता है।
श्रेणी को देखें - 1, 1,
2, 3, 5, 8, 13, …
13 = 8+5, 8 = 5+3, 5 = 3+2. इस प्रकार, अगला
पद = 13+8 = 21
6. मिश्रित श्रेणी –
यह श्रेणी मुख्यत: विभिन्न गणितीय
संक्रियाओं को मिलाकर बनायी जाती है। जब कभी आप श्रेणी में सर्वान्तर या
सर्वानुपात या एकान्तर व्यवस्था का पता करने में असमर्थ रहें, तो यह श्रेणी
लागू की जा सकती है।
उदाहरण - 5, 12, 27,
58, 121, ?
अब हम ध्यान से देंखें, तो श्रेणी में कोई
विशेष पैटर्न का पता लगाना संभव नहीं है। इस प्रकार यह श्रेणी है –
5 * 2 + 2 = 12
12 * 2 + 3 = 27
27 * 2 + 4 = 58
58 * 2 + 5 = 121
इस प्रकार, अगला पद - 121 * 2 + 6 = 248 होगा।
12 * 2 + 3 = 27
27 * 2 + 4 = 58
58 * 2 + 5 = 121
इस प्रकार, अगला पद - 121 * 2 + 6 = 248 होगा।
यहाँ वे पैटर्न बताये गये हैं जिनपर अधिकांश श्रेणी आधारित हो सकती हैं। यद्यपि,उपरोक्त बताये गये पैटर्न को बदलकर आप कई और संभव पैटर्न बना सकते हैं।
ध्यान रखने योग्य बिन्दु –
1. पैटर्न का पता करना पूरी तरह
इस बात पर निर्भर करता है कि आप श्रेणी को कितनी जल्दी वर्गीकृत कर लेते हैं।
इसके लिये अभ्यास की जरूरत है और इसके बाद श्रेणी के प्रश्नों को हल करना स्वभाविक
रूप से सरल हो जाता है। श्रेणी के पदों में वृद्धि का पता लगाने की कोशिश करें,
इससे आपको श्रेणी को वर्गीकृत करने में मदद मिलेगी।
2. यदि आप श्रेणी को वर्गीकृत
करने में असमर्थ हों तो उनमें विशेष पद का पता लगाने का प्रयास करें। हमनें अभज्य
और फिबोनाक्की संख्याओं के बारे में बताया है। इसमें आर्मस्ट्रांग संख्या जैसे
दूसरे प्रकार के नंबर भी हो सकते हैं।
3. श्रेणी में अधिक समय खर्च न
करें, यदि आप पदों के मध्य एक मिनट के भीतर सम्बन्ध स्थापित करने में असमर्थ
रहते हैं, तो प्रश्न को छोड़ देना बेहतर होगा क्योंकि कभी कभार एक नये प्रकार की
श्रेणी में अधिक समय खर्च हो जाता है जिसका उपयोग आप कहीं और कर सकते हैं।
परीक्षा के लिये शुभकामनाएं
धन्यवाद