संयुक्त राष्ट्र की श्रम एजेंसी इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइजेशन (ILO) द्वारा जारी एक रिपोर्ट में 1984 की भोपाल गैस त्रासदी दुनिया की ‘‘सबसे बड़ी औद्योगिक दुर्घटनाओं’’ में से एक बताया गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस दुर्घटना ने हजारों लोगों को मौत के मुंह में धकेल दिया था।
संयुक्त राष्ट्र की श्रम एजेंसी अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि मध्य प्रदेश की राजधानी में यूनियन कार्बाइड के कीटनाशक संयंत्र से निकली कम से कम 30 टन मिथाइल आइसोसायनेट गैस से 600,000 से ज्यादा मजदूर और आसपास रहने वाले लोग प्रभावित हुए थे। इसमें कहा गया है कि सरकार के आंकड़ों के अनुसार 15,000 मौतें हुई। जहरीले कण अब भी मौजूद हैं और हजारों पीड़ित तथा उनकी अगली पीढ़ियां श्वसन संबंधित बीमारियों से जूझ रही हैं।
आईएलओ के रिपोर्ट में कहा गया है कि हर साल पेशे से जुड़ी मौतों की वजह तनाव, काम के लंबे घंटे और बीमारियां हैं. ये भी बताया गया है कि पुरुषों की तुलना में सबसे ज्यादा महिलाएं प्रभावित होती हैं।
रिपोर्ट में इसका कारण आधुनिक कार्य पद्धति, विश्व जनसंख्या में वृद्धि, डिजिटल कनेक्टिविटी और जलवायु परिवर्तन जैसे कारण भी हैं।