चीन ने अपनी अरबों डॉलर की महत्वाकांक्षी बेल्ट ऐंड रोड परियोजना से बांग्लादेश-चीन-भारत-म्यांमार आर्थिक गलियारे को हटा दिया है।
बीसीआईएम को हटाए जाने के कारणों के बारे में तत्काल कुछ नहीं बताया गया है, लेकिन 27 अप्रैल को संपन्न हुए बेल्ट ऐंड रोड फोरम के दूसरे शिखर सम्मेलन में जारी सूची में जिन परियोजनाओं का जिक्र किया गया है, उनमें इस गलियारे का उल्लेख नहीं है।
भारत ने बेल्ट ऐंड रोड के तहत बन रहे चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे का विरोध करते हुए चीन के इस प्रॉजेक्ट से अपनी दूरी बना रखी है।
माना जा रहा है कि इस विरोध की खीझ में ही चीन ने बांग्लादेश-चीन-भारत-म्यांमार आर्थिक गलियारे को लिस्ट से बाहर कर दिया है।
चीन-पाक आर्थिक गलियारा पाक अधिकृत जम्मू-कश्मीर से होकर गुजरता है, जिस पर भारत का विरोध है। इस हिस्से को संवैधानिक तौर पर भारत अपना हिस्सा मानता है।
सीपीईसी की तरह बीसीआईएम भी बेल्ट एंड रोड परियोजना के छह प्रमुख गलियारों में शामिल था। इसका मकसद चीन के पूर्वी शहर कुन्मिंग को बांग्लादेश के ढाका और म्यांमार के मांडले समेत भारत के कोलकाता को जोड़ना था।
भारत ने बीसीआईएम का विरोध तो नहीं किया, लेकिन इस परियोजना के प्रति ठंडी प्रतिक्रिया दी है क्योंकि देश की पूर्वी सीमा पर स्थित पड़ोसी देशों में चीन का बढ़ता वर्चस्व भारत के लिए चिंता का सबब है।
भारत को यह भी आशंका है कि इस परियोजना से देश के पूर्वोत्तर के इलाकों को खतरा पैदा होगा। चीन की सत्ता में आसीन चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने 22 अप्रैल को अपनी रिपोर्ट में बीसीआईएम को बेल्ट ऐंड रोड पहल के तहत एक परियोजना बताया था।