भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने निवेशकों के हितों की रक्षा करने के लिए नये नियमों कों जारी करने कि घोषणा की है।
इन नियमों के तहत सेबी ऐसे सभी म्यूचुअल फंड के विरुद्ध कार्यवाही करेगा, जिसमे डिफॉल्ट होने वाली कंपनी के प्रवर्तकों को शेयर के बदले ऋण दिया गया हो। इसके अतिरिक्त सेबी ने म्यूच्यूअल फंड हाउसेस के लिये कुछ नए और सख्त निवेश मापदंडों को भी मंज़ूरी दी है।
सेबी द्वारा उठाए गए इस कदम का मुख्य उद्देश्य उधारकर्ताओं के दिवालिया होने या घोटाला हो जाने की स्थिति में उत्पन्न होने वाले ऋण जोखिम से निवेशकों की रक्षा करना है।
वर्तमान में म्यूच्यूअल फंड उद्योग एक भारी वित्तीय संकट का सामना कर रहा है जिसके लिये उन फंड प्रबंधकों को ज़िम्मेदार ठहराया गया है जो ऋण योजनाओं के माध्यम से कंपनी प्रवर्तकों को उधार देते हैं।
सेबी के अनुसार म्यूच्यूअल फंड बैंक नहीं होते हैं इसलिये उन्हें ऋण देने के बजाय बाज़ार में निवेश करना चाहिए।