8 अप्रैल 2020 को भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने देश में निजी प्रयोगशालाओं को कोविड-19 परीक्षण को निःशुल्क करने का आदेश दिया। भारत सरकार ने पहले आईसीएमआर द्वारा अनुमोदित होने के बाद निजी प्रयोगशालाओं को कोविड-19 का परीक्षण करने की अनुमति दी थी। परीक्षण की कीमतें 4,500 रुपये पर कैप की जाती हैं।
प्रमुख बिंदु:
- सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि कोविड-19 परीक्षण केवल परीक्षण और अंशांकन प्रयोगशालाओं (NABL), या विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) या भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) द्वारा अनुमोदित अन्य एजेंसियों द्वारा मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं में ही किए जाने चाहिए।
- वर्तमान में देश में 118, सरकारी प्रयोगशालाएँ 15,000 परीक्षण कर रही हैं, और अधिक निजी प्रयोगशालाओं के लिए परीक्षणों की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए।
- सर्वोच्च न्यायालय ने प्रयोगशालाओं की प्रतिपूर्ति करने और निजी प्रयोगशालाओं में भी परीक्षण को निःशुल्क करने के लिए परीक्षण केंद्रों की ओर कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) निधियों के मोड़ की सिफारिश की है।
- सुप्रीम कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि आईसीएमआर या राज्य सरकारें नि: शुल्क परीक्षण करने के लिए निजी प्रयोगशालाओं को परीक्षण किट, नमूना संग्रह के लिए सामग्री और निजी सुरक्षा उपकरण प्रदान करें।