सफलता को प्राप्त करने के लिए जब मनुष्य आगे बढ़ता तो उसे बहुत सी बाधाओं और समस्याओं का सामना करना पड़ता है. असल में जीवन के इस सफ़र में मनुष्य एक नदी के सामान विभिन्न समस्याओं का सामना करते हुए आगे बढ़ता हैं. जीवन के इस सफ़र में कहीं ऊँचे पहाड़ जैसी बाधाएं हैं तो कहीं समतल मैदान सा सीधा सरल रास्ता हैं. पर जैसे पहाड़ों से निकलने वाली नदियाँ पहाड़ों की उन बाधाओं को पार करके समतल मैदान तक पहुँच जाती हैं, वैसे ही जीवन के शुरुआत में हमें सबसे अधिक संघर्ष करना पड़ता हैं और उसके बाद जब हम लाइफ में Settle हो जाते हैं जीवन पहले के मुकाबले आसान हो जाता है.
जीवन में सफलता के मार्ग में आने वाली बाधाओं से कई बार हमें हार मिल जाती है. हम असफल हो जाते हैं. पर ऐसे में निराश नहीं होना चाहिए. बल्कि यह पता लगाना चाहिए कि कहाँ कमी रह गई. विभिन्न competitive exam की तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स को याद रखना चाहिए कि असफलता ही सफलता की सीढ़ी है. आप अगर अपनी असफलता से हर बार कुछ सिख कर आगे बढ़ रहे हैं तो सफलता एक दिन आपको अवश्य मिलेगी.
प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठने वाले कई स्टूडेंट्स 1-2 बार प्रयास करने के बाद हार मान लेते हैं और प्रयास बंद कर देते हैं. ऐसे में वह अपने लक्ष्य से दूर हो जाते हैं. अगर आपने कोई लक्ष्य बनाया है तो तब तक प्रयास करना न छोड़े जब तक सफल नहीं हो जाते हैं. हो सकता है शुरुआत में आपको असफलता मिले लेकिन अगर आप दृढ निश्चय के साथ आगे बढ़ते हैं तो सफलता अवश्य प्राप्त होगी. बस जरुरत है कि आप हर बार असफलता के बाद या विश्लेषण जरुर करें कि आपकी तैयारी में कमी कहाँ रह गई. ताकि जब आप अगली बार प्रयास करें तो उससे पहले उसमें सुधार कर सकें. खुद पर भरोसा रखें कि आप में वो क्षमता हैं कि आप अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं.
अगर आपको जीवन के किसी भी क्षेत्र में असफलता मिलती हैं तो उससे घबराओ नहीं बल्कि उसे एक चुनौती की तरह स्वीकार करो. यह संकल्प करो कि इस असफलता को सफलता में बदलने के बाद ही दम लोगे. संघर्ष जीवन का ही एक रूप है इसलिए संघर्ष से दूर मत भागो बल्कि डट कर उसका सामना करो. जितना आप संघर्ष का सामना करेंगे सफलता उतना करीब आएगी.
असफलता एक चुनौती है, स्वीकार करो ।
क्या कमी रह गयी, देखो और सुधार करो ॥
- श्री हरिवंश राय बच्चन